मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने पेश की गुड गवर्नेंस की मिसाल, PM मोदी ने भी की तारीफ
पर्यटन और प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर गोवा ने अपने गुड गवर्नेंस के लिए तेजी से पहचान बनाई है।
गोवा: पर्यटन और प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर गोवा ने अपने गुड गवर्नेंस के लिए तेजी से पहचान बनाई है। जब दूसरे राज्यों में योजनाओं पर काम शुरू होता है, तब गोवा उन योजनाओं का सौ प्रतिशत लक्ष्य पूरा कर देता है। मोदी सरकार की कई महत्वाकांक्षी योजनाओं का शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा करने वाला यह पहला राज्य बन चुका है। इस सबके पीछे युवा मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत का विजन और मेहनत बताई जाती है।
कई मौकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की तारीफ कर चुके हैं। रविवार को मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभकामना संदेश के लिए जो ट्वीट किया, उसमें भी उनके गुड गवर्नेंस(सुशासन) की भी तारीफ की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, " गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को जन्मदिन की बधाई। वह गोवा में सुशासन की कई पहल करने में सबसे आगे हैं। उनके स्वस्थ और दीर्घायु जीवन की कामना करता हूं।" गोवा के मुख्यमंत्री के जन्मदिन के मौके पर आइए जानते हैं, उनकी योजनाओं के बारे में।मोदी सरकार की एक ड्रीम परियोजना है। नाम है जल जीवन मिशन। यह हर घर नल का जल उपलब्ध कराने की योजना है। गोवा देश का पहला राज्य है, जिसके हर घर को नल से साफ पानी की सुविधा मिल रही है। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की लगातार मॉनीटरिंग से गोवा देश में सबसे पहले राज्य के सभी घरों में पानी की सुविधा पहुंचाने में सफल रहा। इसी तरह घर घर बिजली व्यवस्था हो या सभी को कोविड टीकाकरण, इन योजनाओं को भी सबसे पहले गोवा ने पूरा कर दिखाया। गोवा ऐसा राज्य है, जो खुले में शौच मुक्त(ओडीएफ) है।
जब सब सोचते हैं, तब गोवा काम पूरा कर लेता है- पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा मुक्ति दिवस समारोह के मौके पर सावंत के नेतृत्व में भाजपा सरकार की तेज गति से विकास कार्यों की सराहना करते हुए कहा था, " यहां जो सरकार है, वो गोवा की एक और पहचान सशक्त कर रही है। ये नई पहचान है- हर काम में अव्वल रहने वाले, टॉप करने वाले राज्य की। बाकी जगह जब काम की शुरुआत होती है, या काम आगे बढ़ता है, गोवा उसे तब पूरा कर लेता है।"
सरकार तुमचा दारीः घर बैठे जनता को मिलतीं हैं सुविधाएं
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सरकार तुमचा दारी (सरकार आपके द्वार) नामक नया अभियान शुरू किया है। इसके तहत गोवा के नागरिकों को घर बैठे सौ से अधिक शासकीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। गांव-गांव कैंप लगाकर अधिकारी जनता की समस्याओं की सुनवाई करतेहैं। सरकारी प्रमाणपत्रों के लिए जनता को अधिकारियों और उनके कार्यालयों का चक्कर नहीं काटना पड़ता। आवेदन करने पर कर्मचारी खुद घर पर जन्ममृत्य प्रमाणपत्र आदि चीजें उपलब्ध कराते हैं। इस पहल से लोगों की जिंदगी और आसान बनी है।
स्वयंपूर्ण गोवाः राज्य को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने एक अक्टूबर 2020 को आत्मनिर्भर भारत की तर्ज पर स्वयंपूर्ण गोवा नामक नई मुहिम शुरू की। इसके तहत स्वयंपूर्ण मित्र नियुक्त होते हैं। जो सभी सरकारी विभागों के साथ समन्वय बनाकर जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाते हैं। गोवा में पर्यटन, कृषि, पशुपालन, मत्स्य आदि योजनाओं से राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह योजना संचालित है। दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद मुख्यमंत्री सावंत ने स्वयंपूर्ण गोवा 2.0 शुरू किया है।
अब धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा
गोवा अब बीच टूरिज्म से आगे बढ़ रहा है। गोवा में अति प्राचीन कई मंदिर आकर्षण का केंद्र हैं। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गोवा के खूबसूरत मंदिरों को पर्यटन का केंद्र बनाने की तैयारी की है। सरकार के इंटरनल टूरिज्म को प्रमोट करने से गोवा में आंतरिक हिस्से में भी पर्यटकों की आवाजाही अब बढ़ रही है। जिससे गांवों में रहने वाली जनता की आर्थिक स्थिति भी सुधर रही है। सावंत सरकार ने अभी नया टूरिज्म बोर्ड बनाया है। यह बोर्ड पर्यटन को बढ़ाने की नई नीतियां बना रहा है। स्प्रिचुअल और मेडिकल टूरिज्म को भी बढ़ावा देने का सरकार ने खाका तैयार किया है। सरकार ने पुर्तगाली शासन में तोड़े गए मंदिरों की कायापलट करने की भी योजना बनाई है।
खुले में शौच मुक्त राज्य बना गोवा
गोवा को खुले में शौच मुक्त राज्य घोषित किया गया है। इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए गोवा ने व्यक्तिगत घरों में 22,022 शौचालय उपलब्ध कराए हैं, 514 सामुदायिक शौचालय बनाए हैं और समुदायों को 'नीताल घर, निताल गाओ, निताल गोएंचो रखनो हनव' विषय के साथ शिक्षित किया जा रहा है। सीएम ने ट्वीट कर इस उपलब्धि की जानकारी दी है।डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर की 131वीं जयंती के उपलक्ष्य में 'स्वयंपूर्णा गोवा 2.0' का दूरदर्शी कार्यक्रम के तहत गोवा सरकार ने मुख्यमंत्री के माध्यम से अनुसूचित जाति समुदाय के उत्थान पर जोर देते हुए एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया था। गोवा के सीएम अक्सर राज्य भर के नागरिकों की शिकायतों और मुद्दों को संबोधित करते हैं,और उसका निवारण करते हैं।