जनता से रिश्ता वेबडेस्क :गौरतलब है कि यह प्रोजेक्ट (P-75I) भारत में पनडुब्बियां बनाने की दूसरी सबसे बड़ी परियोजना है। वहीं एआईपी प्रणाली एक पारंपरिक पनडुब्बी को अधिक समय तक उच्च गति पर पानी में डूबे रहने की अनुमति देती है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल जून में, रक्षा मंत्रालय ने P-75I परियोजना को मंजूरी दी थी और बाद में दो शॉर्टलिस्ट की गई भारतीय कंपनियों, जिनमें निजी कंपनी लार्सन एंड टुब्रो और राज्य द्वारा संचालित मझगांव डॉक्स लिमिटेड को आरएफपी जारी किए गए थे।
इन दो भारतीय कंपनियों को पांच शॉर्टलिस्ट की गई अंतरराष्ट्रीय समूहों में से एक के साथ गठजोड़ करना है। इन समूहों में थिसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स (जर्मनी), नवांटिया (स्पेन) और नेवल ग्रुप (फ्रांस), देवू (दक्षिण कोरिया) और रोसोबोरोनएक्सपोर्ट (रूस) शामिल हैं।