दिग्विजय सिंह ने अमित शाह को लिखा पत्र, पूछा ‘कश्मीरी पंडितों पर किए सवाल को क्यों किया निरस्त’

Update: 2023-02-22 11:29 GMT

राज्यसभा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। इसमें उन्होने सवाल किया है कि उनके प्रश्न को निरस्त क्यों किया गया। उन्होने पत्र में लिखा है कि कश्मीरी पंडितों से संबंधित उनके प्रश्न को गोपनीय प्रकृति का बताकर निरस्त कर दिया गया, लेकिन आखिर उनके सवाल में ऐसा क्या गोपनीय था जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

दिग्विजय सिंह द्वारा लिखा गया पत्र

अपने पत्र में दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि ‘मेरे द्वारा राज्यसभा में गृह विभाग से संबन्धित तारांकित प्रश्न क्रमांक 1528 पूछा गया था जिसका दिनांक 08 फरवरी 2023 को सदन में उत्तर दिया जाना नियत था। मुझे यह जानकर आश्चर्य है कि ‘कश्मीरी पंडितों की समस्याओं’ को लेकर मेरे द्वारा किये गए प्रश्नको गोपनीय प्रकृति का बताकर निरस्त कर दिया गया है। मैं इस पत्र के माध्यम से मेरे द्वारा संसद में पूछे गये प्रश्न को पुनः दोहरा रहा हूँ जिसमें यह समझ से परे है कि कश्मीरी पंडितों के लिये मेरे द्वारा उठाये गये सवाल के उत्तर में ऐसा क्या गोपनीय था जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो सकता था?’

‘मेरा सवाल निम्नानुसार थाः-

(1) कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों की हत्याओं को रोकने के लिये सरकार ने क्या कदम उठाये है?

(2) क्या सरकार ने कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के वेतन को इसलिये रोक दिया है क्योंकि उन्होंने हत्या की आशंका से अपना स्थान परिवर्तन करने की मांग की थी? यदि हाँ तो इसके क्या कारण है?

(3) क्या सरकार कश्मीर की हिन्दू आबादी को कश्मीर घाटी से बाहर पुनर्स्थापित करना चाहती है?’

‘चूंकि ये सवाल हमारी पार्टी के श्री राहुल गांधी जी के समक्ष भी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उपस्थित हुये थे। कश्मीरी हिन्दू कर्मचारी वहाँ भयभीत है और उन्हें सरकार की ओर से समुचित और प्रभावी आश्वासन नही मिला है। मुझे इन सवालों में ऐसी कोई बात भी नही दिखाई देती जिनका उत्तर देने पर राष्ट्र के गोपनीय महत्व के तथ्य उजागर हो सकते है। आपके जवाब नही देने से कश्मीरी पंडितों और वहाँ की हिन्दू आबादी में यह संदेश जाएगा कि सरकार सिर्फ कश्मीरी पंडितों या हिन्दुओं की बात भर करती है किन्तु उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर नही है। अतएव मेरा आपसे अनुरोध है कि आप मेरे इन सवालों का व्यक्तिगत तौर पर उत्तर प्रेषित करने का कष्ट करें। आशा है आप मुझे इन प्रश्नों का उत्तर अवश्य देंगे।’

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