जमुई : उन्होंने अपने संबोधन में एक बार फिर कहा कि वो जमुई युवावस्था में आए थे और उनकी चाहत है कि बुढ़ापे में वापस जाने की है। चिराग पासवान के इस बयान से एक बार चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। चाचा पशुपति कुमार पारस के हाजीपुर से ही चुनाव लड़ने और हाजीपुर स्टेशन का नाम रामविलास पासवान के नाम करने की मांग पर चिराग पासवान ने कहा कि यह मांग हम लोग भी रेलमंत्री से मिलकर कर चुके हैं। सभी चाहते हैं कि हाजीपुर स्टेशन का नाम रामविलास पासवान के नाम पर हो, क्योंकि हाजीपुर की पहचान रामविलास पासवान से और उनके पिता की पहचान हाजीपुर और वहां की जनता से है। उन्होंने कहा कि बरहहाल यह चुनावी गणित है, कौन कहां से चुनाव लड़ता है यह गठबंधन और संसदीय बोर्ड फैसला करेगा। रामविलास पासवान के पुत्र होने के नाते मेरी बड़ी जिम्मेदारी हाजीपुर के प्रति है। उन्होंने कहा कि मेरे नेता की पहचान हाजीपुर से है, वहीं, उनकी पहचान जमुई से है। ऐसे में मेरी जिम्मेवारी जमुई के प्रति भी उतनी ही है, जितनी हाजीपुर के प्रति। चिराग ने आगे कहा कि जमुई से उनका रिश्ता सिर्फ सांसद और जनता का रिश्ता नहीं है। जमुई की जनता ने उन्हें बेटे और भतीजे, वहीं युवा अपने भाई दोस्त के तौर पर गले लगाते हैं। जीवन के कठिन दौर में पिता के निधन के बाद भी जमुई की जनता ने मार्गदर्शन किया, जो व्यक्तिगत तौर पर बनाए हुए संबंध है, जिन्हें वे मरते दम तक निभाएंगे।रामविलास पासवान के नाम पर हो, क्योंकि हाजीपुर की पहचान रामविलास पासवान से और उनके पिता की पहचान हाजीपुर और वहां की जनता से है। उन्होंने कहा कि बरहहाल यह चुनावी गणित है, कौन कहां से चुनाव लड़ता है यह गठबंधन और संसदीय बोर्ड फैसला करेगा। रामविलास पासवान के पुत्र होने के नाते मेरी बड़ी जिम्मेदारी हाजीपुर के प्रति है। उन्होंने कहा कि मेरे नेता की पहचान हाजीपुर से है, वहीं, उनकी पहचान जमुई से है। ऐसे में मेरी जिम्मेवारी जमुई के प्रति भी उतनी ही है, जितनी हाजीपुर के प्रति। चिराग ने आगे कहा कि जमुई से उनका रिश्ता सिर्फ सांसद और जनता का रिश्ता नहीं है। जमुई की जनता ने उन्हें बेटे और भतीजे, वहीं युवा अपने भाई दोस्त के तौर पर गले लगाते हैं। जीवन के कठिन दौर में पिता के निधन के बाद भी जमुई की जनता ने मार्गदर्शन किया, जो व्यक्तिगत तौर पर बनाए हुए संबंध है, जिन्हें वे मरते दम तक निभाएंगे।