रायपुर। अपने गांव में ही युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम छत्तीसगढ़ में चलाई जा रही है। रीपा के माध्यम से बड़ी संख्या में युवा स्वरोजगार से जुड़कर आर्थिक रूप से सक्षम बन रहे हैं। इसी कड़ी में दुर्ग जिले के धमधा विकासखण्ड में 2 करोड़ रूपए की लागत से ग्राम दानीकोकड़ी में लगभग तीन एकड़ क्षेत्र में रीपा केन्द्र स्थापित किया गया है। यहां शिक्षित युवाओं द्वारा बड़े पैमाने पर पेवर ब्लॉक यूनिट तैयार किया जा रहा है। शुरूआत में उत्पादन कम हो रहा था। लेकिन कार्य का विस्तार होने से उत्पादकता में बढ़ोतरी हुई है। इससे अधिक से अधिक युवक-युवतियों को रोजगार मिल रहा है, जिससे वह आत्मनिर्भर बन रहे हैं।
ग्राम पंचायत दानीकोकड़ी में स्थित महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) से यहां के आस-पास के बेरोजगारों को रोजगार की तलाश में कहीं दूर जाना नहीं पड़ रहा है। उन्हें ट्रेनिंग पश्चात अपने गांव के पास में ही रोजगार प्राप्त हो रहा है। पेवर ब्लॉक निर्माण कर रहे संजय कुमार, टीकम साहू, प्रीतम साहू, जागेश्वर साहू, धन साहू, धनेश्वरी साहू, त्रिवेणी साहू ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का धन्यवाद देते हुए कहा कि महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) की स्थापना से उनके जीवन स्तर में काफी सुधार आया है।
दानीकोकड़ी के रीपा मैनेजर रोमलाल पटेल ने बताया कि पेवर ब्लॉक यूनिट निर्माण करने के लिए यहां छोटी-बड़ी मशीने लगी हुई हैं, जिसमें लगातार युवाओं द्वारा पेवर ब्लॉक तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्राम मोहंदी से लगभग 3 लाख रूपए का पेवर ब्लॉक का आर्डर प्राप्त हुआ है। 31 हजार 500 नग पेवर ब्लॉक सप्लाई किया जाना है। वर्तमान में 16 हजार 500 नग पेवर ब्लॉक बनाया जा चुका है। पेवर ब्लॉक निर्माण करने के लिए 15 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है। प्रति दिन 1000 से 1500 तक पेवर ब्लॉक का निर्माण किया जा रहा है। पेवर ब्लॉक की सरकारी एवं गैर सरकारी सभी जगहों से बहुत अधिक मांग आ रही है। इसकी पूर्ति करने के लिए और लोगों को रोजगार दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि यहां कार्यरत युवक-युवतियों को लगभग 5 हजार रूपए तक की मासिक आय प्राप्त हो रही है, जिससे उनके जीवन में खुशहाली आई है।