याह्या ढेबर ने रायपुर कोर्ट में किया सरेंडर

Update: 2024-04-30 07:47 GMT

रायपुर। रामावतार जग्गी हत्या कांड के प्रमुख आरोपी याह्या ढेबर कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने सजायाफ्ता याह्या और 28 अन्य को भी सरेंडर करने कहा था। याह्या महापौर एजाज ढेबर का बड़े भाई है। सूत्रों के मुताबिक याह्या सोमवार रायपुर जिला कोर्ट की कार्यावधि समाप्ति से कुछ देर पहले सरेंडर करने गया था। लेकिन जज ने मंगलवार को आने कहा।

जोगी शासनकाल में हुआ था जग्गी हत्याकांड

रामवतार जग्गी हत्याकांड 2003 में अजीत जोगी के शासनकाल में हुआ था। अमित जोगी के उनके कट्टर समर्थक स्वामी भक्ति में रामवतार जग्गी हत्याकांड के स्वरूप में आया था। जिसका एफआईआर स्वर्गीय विद्याचरण शुक्ल के दबाव में मौदहापारा थाने में दर्ज हुआ था, जिसमें 32 आरोपियों के नाम हत्याकांड में सामने आए थे। सभी आरोपियों को 7 -8 साल के उपरांत हाई कोर्ट से ज़मानत अपील के द्वारा मिली थी जो विगत सप्ताह हाईकोर्ट ने लोअर कोर्ट के फ़ैसले को बरकरार रखते हुए सभी आरोपियों की जमानत रद्द कर दी और सभी आरोपियों को एक हफ्ते का समय सजा हेतु सरेंडर करने का दिया था। जिसमें महापौर के सगे बड़े भाई याहया ढेबर सहित 22 आरोपियों को अपनी सजा पूरी करने के लिए वापस जेल जाना था। लेकिन कोर्ट में दो आरोपी अभय गोयल और आरसी त्रिवेदी द्वारा सरेंडर का समय बढ़ाने का आवेदन दिया था। 

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2003 रामअवतार जग्गी हत्याकांड

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