पूरे जिले में मनाया गया विश्व क्षय दिवस, शपथ सहित हुए विविध जागरूकता कार्यक्रम
छग
बलौदाबाजार। 24 मार्च पूरे देश भर में विश्व क्षय दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में कलेक्टर रजत बंसल के निर्देश पर जिले भर के स्वास्थ्य केंद्रों में टीबी मुक्त भारत के लिए स्टाफ व आम जन को शपथ दिलाई गई। जिले के सीएचसी, पीएचसी और वेलनेस केंद्रों में बैठक, शपथ, मरीजों का सम्मान, रैली, रंगोली जैसे समुदाय जागरूकता कार्यक्रम किये गए। सीएमएचओ कार्यालय में डॉ एम पी महिस्वर ने शपथ दिलाई जबकि जिला अस्पताल में सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार अवस्थी ने स्टाफ व ओ पी डी में आये मरीजों को टीबी मुक्त भारत के लिए शपथ दिलाई। शपथ के कार्यक्रम में विकासखंडों में सभी खंड चिकित्सा अधिकारियों व पी एच सी में सेक्टर चिकित्सको ने यह जिम्मेदारी निभाई। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम पी महिस्वर ने बताया कि, चूंकि देश में वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है व छत्तीसगढ़ राज्य में यह 2023 निर्धारित है। अत: इस बार राज्य शासन की ओर से समुदाय में अधिकतम जन जागरूकता के लिए 24 मार्च से 13 अप्रैल तक कार्यक्रम किये जायेंगे। उक्त जागरूकता कार्यक्रम खंड चिकित्सा अधिकारी बलौदा बाजार में डॉ अभिजीत बनर्जी, भाटापारा में डॉ राजेंद्र माहेश्वरी, पलारी में डॉक्टर बीएस ध्रुव,कसडोल में डॉक्टर ए एस चौहान,बिलाईगढ़ में डॉक्टर पुष्पेंद्र वैष्णव व सिमगा में डॉक्टर पारसनाथ पटेल के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। कार्यक्रम में जन आरोग्य समिति व पंचायती राज संस्थाओं के सदस्यों की बैठक, प्रशिक्षण पर भी ध्यान दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त ग्राम स्तर पर जोखिम भरे समूहों के बीच टी बी मरीजों की पहचान के लिए सर्वे भी किया जाएगा।
जिला नोडल अधिकारी डॉ राजेश कुमार अवस्थी ने बताया कि,जिले में विगत वर्ष 2022 में बलौदाबाजार में 472, भाटापारा में 183 ,बिलाईगढ़ में 165, कसडोल में 257, पलारी में 163, सिमगा में 100 मरीज पाए गए। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत मरीजों के लिए सभी प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहित जिला अस्पताल में जांच सुविधा उपलब्ध है। सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व जिला अस्पताल में अत्याधुनिक ट्रूनाट मशीन द्वारा टीबी की जांच की जाती है। इसके माध्यम से ड्रग रेजिस्टेंस टीबी का भी पता लगाया जा सकता है। दो हफ्ते से अधिक अवधि की खांसी, छाती में दर्द, बलगम आना, शाम को पसीने के साथ हल्का बुखार भूख ना लगना वजन में कमी यह कुछ ऐसे लक्षण है, जिससे टीबी होने की आशंका हो सकती है। ऐसी किसी समस्या पर तुरंत ही नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क कर अपनी जांच करवानी चाहिए कोई भी व्यक्ति जो टीबी का छ: महीने का डॉट्स का उपचार लेता है, वह पूरी तरह ठीक हो जाता है। शासन की निक्षय पोषण योजना के माध्यम से टीबी के दवाई खा रहे व्यक्ति को प्रतिमाह 500 रुपये की सहायता राशि भी प्रदान की जाती है। टीबी के इलाज में लापरवाही करने पर यह जानलेवा हो सकती है. यदि व्यक्ति उपचार नहीं लेता तो वह हवा के माध्यम से एक साल में 10-15 लोगों को इसका संक्रमण फैला देता है।