कांकेर। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आज प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से जिले के विशेष पिछड़ी जनजातियों एवं अन्य हितग्राहियों को वनाधिकार मान्यता पत्र तथा वनाधिकार ऋण पुस्तिका का वितरण किया गया। आदिवासी वर्ग के हितग्राही को टै्रक्टर प्रदाय किया गया तथा एकलव्य एवं प्रयास आवासीय विद्यालय के मेधावी विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया और विशेष पिछड़ी जनजाति कमार जाति के पॉच युवाओं को शासकीय नौकरी के नियुक्ति आदेश प्रदान किये गये, साथ ही विभिन्न विभागों के हितग्राहियों को सामग्रियों का वितरण भी किया गया। जिला पंचायत कांकेर के सभागार में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला पंचायत के अध्यक्ष श्री हेमंत धु्रव ने हितग्राहियों को सामग्रियों का वितरण किया तथा मेधावी छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर जिले के कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला, वनमण्डलाधिकारी कांकेर आलोक बाजपेयी, जिला पंचायत सदस्य नरोत्तम पडोटी एवं नवली मीना मण्डावी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुमीत अग्रवाल, संयुक्त कलेक्टर गौरीशंकर नाग, एसडीएम कांकेर धनंजय नेताम, परियोजना प्रशासक माखन सिंह धु्रव, आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त श्रीकांत कसेर सहित आदिवासी समाज के लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हेमंत धु्रव ने विश्व आदिवासी दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आदिवासियों के हितों के संरक्षण एवं उन्हें जागरूक करने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा विश्व में प्रति वर्ष 09 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है। छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा आदिवासियों के हितों के संरक्षण तथा उनकी संस्कृति एवं परंपरा को बनाये रखने के लिए लगातार कार्य किये जा रहे हैं। वनवासियों को वनाधिकार मान्यता पत्र एवं सामुदायिक वन संसाधन हक प्रदान किये जा रहे हैं। पूरे बस्तर संभाग में सबसे ज्यादा कांकेर जिले में वनाधिकार मान्यता पत्र प्रदान किये गये हैं। आज के कार्यक्रम में 320 हितग्राहियों को व्यक्तिगत वनाधिकार मान्यता पत्र तथा 30 सामुदायिक वनाधिकार मान्यता पत्र वितरित किये गये। विशेष पिछड़ी जनजाति कमार जाति के पॉच युवाओं को शासकीय नौकरी प्रदान करने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इससे उनके जीवन में बदलाव आयेगा। जिले के युवा जो बोर गाड़ी में काम करने बाहर गये थे और बंधक बनकर रह गये थे, उन्हें वापस लाने में जिला प्रशासन के कार्यों की प्रंशसा करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को सचेत रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गांव-गांव में मनरेगा के कार्य खोले जाते हैं तथा काम की कोई कमी नहीं है, उसके बाद भी बोर गाड़ियों में काम करने के लिए बाहर जाना उचित नहीं है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 04 हजार रूपये प्रति मानक बोरा की दर से तेंदूपत्ता खरीदी की जा रही है, इसके अलावा लघु वनोपज की भी खरीदी की जा रही है। आदिवासियों के आस्था के प्रतीक देवगुड़ी एवं गोटुल का निर्माण लगातार किया जा रहा है।
विशेष पिछड़ी जनजाति कमार जाति के दो सगे भाई-बहनों के लिए विश्व आदिवासी दिवस वरदान साबित हुआ। नरहरपुर विकासखण्ड के ग्राम गंवरसिल्ली निवासी रामदेव मरकाम और उसकी बहन कुमारी रामबती मरकाम को आज शासकीय नौकरी के नियुक्ति आदेश प्रदान किये गये। कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला की उपस्थिति में जिला पंचायत के अध्यक्ष श्री हेमंत धुव्र द्वारा उन्हें नियुक्ति आदेश प्रदान किया गया। शासकीय नौकरी मिलने पर भाई-बहन रामदेव मरकाम एवं रामबती मरकाम ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर नरहरपुर विकासखण्ड के विभिन्न गांवों में निवासरत कमार जनजाति के तीन अन्य युवाओं ग्राम बिहावपारा पोस्ट मुसुरपुट्टा के धरम सिंह, ग्राम बासनवाही पोस्ट कोटलभट्टी के दुकालू राम और ग्राम नयापारा पोस्ट दुधावा के धनकुमार नेताम को भी शासकीय नौकरी के नियुक्ति आदेश प्रदान किये गये। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर शासकीय नौकरी पाकर विशेष पिछड़ी जनजाति के ये युवक बहुत प्रफुल्लित हुए।