कवर्धा। गोबर ने गांव की तस्वीर बदली है। ग्रामीण महिलाएं अब घरेलू कार्य के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी से अपनी सहभागिता बढ़ा रही है। गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गौठानो में संचालित गतिविधियों में ग्रामीण महिलाएं आर्थिक सहयोगी की भूमिका निभा रही हैं। इस तरह अपने परिवार की जिम्मेदारी तथा उनका भरण-पोषण कर अपने जीवन स्तर में भी सुधार लाने में सक्षम हो रही है। आगे बढ़ने के लिए इस योजनाओं से जुड़कर उनका भरोसा बढ़ रहा है। महिलाएं एक ओर जहां स्वालंबन का पाठ पढ़ रही है, वहीं अन्य महिलाओं को भी इस दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है। महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं गोठानो में गोबर से जैविक खाद के अलावा अन्य उत्पादों का निर्माण कर रही है। काम के प्रति लगन ऐसी कि गांव में मुहिम चलाकर अन्य महिलाओं को जोड़ रही है और गोबर से उत्पाद बनाने प्रशिक्षित भी कर रही है।
गोधन न्याय योजना से आत्मनिर्भर की ओर महिलाएं तेजी के साथ बढ़ रही है। कवर्धा विकासखंड की ग्राम मजगांव के गौठान में स्व सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक गतिविधियों से जुड़कर सशक्त हो रही है। गोधन न्याय योजना महिलाओं के जीवन में एक नया मोड़ लाया है। वे स्वयं आर्थिक गतिविधियों से जुड़कर आत्मनिर्भर हो रही है। जय मां शारदा स्व सहायता समूह की महिलाएं गौठान में वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण कर रही है। समूह की महिलाओं ने बताया कि अब तक 521.60 क्विंटल वर्मी खाद का निर्माण कर चुकी है। इसमें 483.75 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय हो चुका है। उन्होंने बताया कि 10 रूपए प्रति किलो की मान से वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय किया जा रहा है। अब तक 4 लाख 83 हजार रूपए का वर्मी कम्पोस्ट बेंच चुके है।
जय मां शारदा स्व सहायता समूह की अध्यक्ष संतोषी श्रीवास ने बताया कि शासन की गोधन न्याय योजना महिलाओं के लिए आत्मनिर्भर बनने का एक सशक्त माध्यम बन गया है। अब इससे आय प्राप्त कर अपनी जरूरतों को पूरा कर रही है। लता साहू ने बताया कि वर्मी कम्पोस्ट के प्राप्त आय से बच्चों के पढ़ाई में आने वाले खर्च पुस्तक, कापी और पेन खरीदने में उपयोग होता है। कौशिल्या ध्रुव ने बताया कि पहले सिर्फ खेती किसानी का कार्य करते थे, अब खेती किसानी के बाद बचने वाले समय का उपयोग गौठन में वर्मी खाद बनाने में कर रही है। इससे अब दोहरा लाभ मिल रहा है। दुलेश्वरी धुर्वे ने बताया कि वर्मी कम्पोस्ट विक्रय से प्राप्त आय से घर खर्चा चलाने में सहायता मिल रही है, अब कर्ज लेने की जरूरत नहीं पड़ रही है। आमदनी मिलने से अब त्यौहारों को बहुत ही उत्साह से मना पाते है। शासन की महत्वांकांक्षी गोधन न्याय योजना का क्रियान्वयन जिले के गौठानों में किया जा रहा है। राज्य शासन के मंशानुरूप कलेक्टर जनमेजय महोबे के निर्देश जिले के गौठानों में विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रही है। गौठान के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है। इस योजना अंतर्गत गांव की महिलाएं समूह के माध्यम से जुड़कर आर्थिक गतिविधियां कर रही है। जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही है।