नारायणपुर। रावघाट में लौह अयस्क उत्खनन के लिए लाई गई मशीनों को महिलाओं के विरोध के कारण 8 घंटे खड़ी रहने के बाद लौटाना पड़ा। रावघाट संघर्ष समिति यहां लौह अयस्क के उत्खनन का विरोध कर रही है। समिति का कहना है कि जिला प्रशासन और बीएसपी प्रबंधन प्रभावित ग्रामीणों का मनोबल तोड़ने की कोशिश कर रहा है। बुधवार को 4 भारी खनन मशीनों और जेसीबी को चढ़ाने की कोशिश की गई। बीते 17 अगस्त को फुटबॉल प्रतियोगिता के नाम पर उस नाके को अधिकारियों ने हटा दिया, जिसे ग्रामीणो ने लगा रखे थे। नाके को वापस लगाने की कोशिश करने पर कांग्रेस नेता अमित भद्रा और केरलापाल के सरपंच ने उनको रोका और नाके को आग के हवाले कर दिया। आगजनी की घटना को मीडिया में दो गुटों का विवाद बताया गया, जबकि संघर्ष समिति नहीं बल्कि 25-30 लोगों ने इसे अंजाम दिया था।
24 अगस्त को खोदगांव के रास्ते से रावघाट पहाड़ पर जाने के लिए 4 भारी मशीन लाए गए। उनके बीएसपी और जिला प्रशासन के अधिकारी थे। उन्हें रोकने खोदगांव की महिलाएं सड़क पर निकल आई और रास्ता रोक दिया। बारिश होने पर भी वे सड़क पर लेट गईं। पुलिस की भारी उपस्थिति के बावजूद उन्होंने हटने से मना कर दिया। इनमें गांव की जवान और बूढ़ी महिलाएं, छात्राएं और गृहणियां भी थीं। उन्होंने कहा कि इस खनन से उनकी पूरी जीवनशैली खत्म हो जाएगी और उनकी जिंदगी बदतर हो जाएगी। अंत में थक-हार कर शाम के 6 बजे भारी वाहनों और अधिकारियों को वापस लौटाना पड़ा।