गोठनों में संचालित आजीविका मूलक गतिविधियों से महिलाएं हो रही स्वावलंबन
छग
सुकमा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सुराजी ग्राम योजना ग्रामीण अंचलों वासिदों के लिए बहुत ही लाभकारी साबित हुई है। नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी योजनांतर्गत गोठानों में संचालित विभिन्न गतिविधियों को अपना कर समूह की महिलाएं अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। सुकमा विकासखंड के ग्राम पंचायत रामाराम गौठान में संचालित सब्जी उत्पाद, वर्मी कम्पोस्ट, कुकुट पालन, पापड़-आचार निर्माण को महिलाओं ने आय का जरिया बनाकर घर की जिम्मेदारी का बीड़ा उठाया है। घर के कामकाजों से समय निकाल कर महिलाएं अब समूह के माध्यम से गौठानों में संचालित गतिविधियों में संलग्न होकर स्वावलंबन हो रही है। सब्जी उत्पादन, अण्डा उत्पादन, बटेर पालन, वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के साथ अब महिलाएं कुकुट पालन क्षेत्र को भी बढ़ावा दे रही हैं। महिला विकास समूह की ओर से 45 दिन में तैयार होने वाले 1 हजार बॉयलर चूजों का पालन किया जा रहा है। इन मुर्गें को स्थानीय बाजार में विक्रय करके महिलाएं अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकेंगे। पूर्व में महिलाओं ने 500 बॉयलर मुर्गे का विक्रय करके 36 हजार रुपये का आय प्राप्त कर चुके हैं।
रामाराम गौठान की ज्योति समूह ने वर्मी कम्पोस्ट विक्रय करके 1 लाख 65 हजार रुपए और सब्जी और मक्का उत्पादन सेे 1 लाख 35 हजार रुपए अर्जित की हैं। वर्तमान में रामाराम गौठान में रीपा अन्तर्गत 6 महिला समूह की ओर से आचार, पापड़, साबुन का निर्माण किया जा रहा है। जल्द ही इन उत्पादों को निर्धारित मूल्य पर स्थानीय बाजारों में उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं महिला समूह की ओर से पौधा रोपण के लिए पौधे की तैयारी कर रही हैं। गौठान में कार्यरत समूह की महिलाओं ने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से गौठानों में आजीविका मूलक गतिविधियों के संचालन करके रोजगार का जरिया उपलब्ध कराया गया है, जिससे महिलाएं स्वावलंबन होने के साथ ही आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर रही है।