पति को पहचानने से इनकार कर रही पत्नी, कलेक्टर के पास पहुंचा मामला
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एमपी। अनूपपुर जिले के पकरिया गांव में रहने वाले जोहन भारिया अपनी परेशानी लेकर अनूपपुर कलेक्टर के पास पहुंचा था. उसका कहना है कि पत्नी मीनाक्षी मेरे पास नहीं आ रही है. शादी करने के बाद मैंने उसकी पढ़ाई पर बहुत खर्चा किया. अब वो मुझे पहचानने से इनकार कर रही है. हमारी बेटी को भी वह अपने साथ ले गई है. मेरी पत्नी को वापस मेरे पाए भिजवा दें. जोहन बताता है कि मीनाक्षी पहले से शादीशुदा थी. मगर, वह अपने ससुराल नहीं जाती थी और मायके वालों के साथ रहा करती थी. इसी दौरान मेरी मुलाकात उससे हो गई. उसके परिवार के दबाव में मैंने बिना किसी को बताए मीनाक्षी से शादी कर ली और वह मेरे पास रहने लगी. शादी के बाद हमें एक बेटी हुई.
जोहन आगे कहता है कि मीनाक्षी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करती थी. पटवारी, शिक्षक और नर्सिंग की नौकरी के लिए प्रयास कर रही थी. मैंने उसकी लगन देखते हुए एक लाख 15 हजार रुपए का कर्ज लिया. इसके बाद मीनाक्षी को जीएनएम की ट्रेनिंग कराई. दो साल मैं कर्ज में रहा. ज्यादा पैसों की जरूरत पढ़ने पर अपनी बीमा पॉलिसी तुड़वा भी उस पैसे को भी मीनाक्षी पर खर्च कर दिया. सिलेक्शन होने के बाद मीनाक्षी खंडवा जिला चिकित्सालय में चली गई.
जोहन के मुताबिक, नर्स बनने के बाद मीनाक्षी बदल गई. उसने मेरे पास आना बंद कर दिया और अपने मायके रहने लगी. मैंने उसे मेरे घर पकरिया जाने का कहा तो उसने मुझे पति मानने से इनकार कर दिया और पहचानने से भी इनकार करने लगी. कहने लगी कि उसकी लाइफ में कोई और आ गया है, तुम दूसरी पत्नी देख लो. जोहन ने कहा कि वह अपनी सात साल की बेटी को लेकर गुजरात काम करने के लिए चला गया. इसी दौरान मीनाक्षी अपने भाई अमित और एक अन्य व्यक्ति के साथ उसके पास गुजरात आ गई. यहां आकर तीनों ने मुझे जान से मारने की धमकी दी और बेटी को मेरे पास से छुड़ाकर जबरदस्ती ले गए. मीनाक्षी ने मुझसे कहा कि उसने किसी व्यक्ति से डेढ़ लाख रुपए उधार लिए और अब उसी के साथ रहेगी.