बृजमोहन के सामने कांग्रेस किसे बनाएगी बलि का बकरा?

Update: 2024-03-06 06:12 GMT

आलाकमान के मुताबिक रायपुर से भूपेश बघेल का नाम पर विचार, पीसीसी भी लगभग सहमत

भूपेश विरोधियों की बांछे खिली, इससे अच्छा बदला लेने का मौका दोबारा नहीं मिलेगा

भूपेश बघेल रायपुर की जगह महासुंमद या राजनांदगांव से लडऩा चाहते हैं चुनाव

भूपेश बघेल को 5 मार्च को ही रायपुर लौटना था, लेकिन वे अपनी उम्मीदवारी को लेकर चिंतित थेे और दिल्ली में डटे हुए है

रायपुर (जसेरि)। भाजपा ने जब से लोकसभा प्रत्याशियों की सूची जारी की है तब से प्रदेश के बड़े कांग्रेसी नेताओं की मुश्किलें बढ़ गई है। जो विधानसभा जीते है या हारे है फिर उन्हीं को लोकसभा में उतारने के फैसले से नेताओं को हलाकान कर रखा है। वहीं विरोधियों की बांछे खिल गई हंै, जिनका भूपेश बघेल ने विधानसभा में टिकट कटवाया था। भूपेश बघेल के सूत्रधारों की माने तो वो पार्टी का मान रखने राजनांदगांव और महासमुंद से चुनाव लडऩे इच्छुक हंै, लेकिन भूपेश बघेल के धुर विरोधी आलाकमान को रायपुर से हर हाल में भूूपेश को ही लड़ाने का दबाव बनाए हुए हैं, जिन लोगों को भूपेश बघेल ने पांच साल तक घास नहीं डाला वो नेता ही उनके खैरख्वाह बनकर वो ही आलाकमान से भूपेश को रायपुर से टिकट देने का दबाव बनाए हुए हंै या कहें मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि पांच साल तक सीएम रहे भूपेश बघेल राजधानी में भी अपना बड़ा वोट बैंक बना लिया है। जिसके कारण भाजपा प्रत्याशी को टक्कर दे सकते है। खुद भूपेश ने बघेल ने दो महीने पहले ही कहा था कि मैं किसी भी हाल में लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ूंगा, तब से विरोधी भूपेश बघेल के विरोध में ऐसी रणनीति बना रहे थे कि भूपेश बघेल को आलाकमान रायपुर से चुनाव लड़ाने में मजबूर हो जाए। अब वही बात सामने आ गई है। आलाकमान की नजर में भूपेश बघेल से बड़ा प्रत्याशी रायपुर लोकसभा के लिए नहीं है। विरोधियों की मंशा और आलाकमान की रणनीति एक साथ मेल खाते नजर आ रही है। वही भूपेश बघेल लोकसभा चुनाव लडऩे से भाग रहे हैं। भूपेश बघेल को विरोधियों की रणनीति समझ आ गई है उसे बलि का बकरा बनाया जा रहा है। इसलिए पहले भी विरोधियों की मंशा भाप कर लोकसभा चुनाव नहीं लडऩे की बात कहते आ रहे ह। जबकि पिछले दिनों पीसीसी चीफ दीपक बैज ने बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर से प्रत्याशी बनाए जाने पर कहा था कि बलि का बकरा बनाया गया है, शायद वो इशारा बृजमोहन के लिए न होकर किसी दूसरे के लिए माना जा रहा है। राजनीति के जानकारों को कहना है कि बृजमोहन अग्रवाल ऐसे नेता है जो रिकार्ड पर रिकार्ड बनाते जा रहे हैं।

विधानसभा में भारी भरकम मतों से जीतने के बाद अब लोकसभा चुनाव में भी भाजपा के पिछले सारे चुनाव रिकार्ड को ध्वस्त करते हुए विजयी पताका फहराएँगे और लोकसभा में भी डंका बजाएंगेे। ऐसा अनुमान सबी बृजमोहन समर्थकों और राजनीतिक पंडितों का है। भूपेश अनिच्छुक : इन सब अटकलों के बाद यह भी खबर आ रही है कि भूपेश बघेल रायपुर से चुनाव नहीं लडऩे के मूड में है और उन्होंने डाक्टर राकेश गुप्ता और उधो राम वर्मा का नाम आगे बढ़ाया है। दूसरी ओर हरीश लखमा की लाबिंग करने के लिए कवासी लखमा दिल्ली पहुंच गए है। वहां स्क्र ीनिंग कमेटी के सदस्य और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, वेणुगोपाल से भी मुलाकात करने पहुंच चुके है। कवासी लखमा हर हाल में हरीश की टिकट पक्की कराने की मन बना कर गए हैं। मल्लिकार्जुन खरगे को कवासी लखमा ने जगदलपुर दौरे के दौरान हरीश को बस्तर के टिकट देने की बात उनके कान में डाल चुके हैं। शायद इसी कारण आलाकमान ने दिल्ली बुलाया हो।

आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवार फाइनल कर दिए हैं। सीटों के लिए कांग्रेस की स्क्रीनिंग पूरी हो गई है और 7 मार्च को उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगने वाली है। जानकारी के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रायपुर कांग्रेस ने लोकसभा उम्मीदवार बनाया गया है। पूर्व में ये बातें सामने आ रही थी कि राजनांदगांव सीट से भूपेश बघेल चुनावी मैदान में उतरेंगे और दुर्ग से पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू और बस्तर से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को कांग्रेस टिकट देने वाली है। गौरतलब है कि बीजेपी ने छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। राजनांदगांव लोकसभा सीट पर बीजेपी ने संतोष पांडे को उम्मीदवार बनाया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को टिकट देने का प्लान कर रही थी, लेकिन अब कांग्रेस ने रायपुर से लोकसभा चुनाव के लिए भूपेश बघेल का नाम फाइनल कर दिया है। जिसका औपचारिक ऐलान 7 मार्च को होगा। वहीं, दुर्ग से बीजेपी ने विजय बघेल को चुनावी मैदान में उतारा है। कांग्रेस इनके सामने पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को खड़ा करने की तैयारी में है। इतना ही नहीं, बस्तर से बीजेपी उम्मीदवार बीजेपी ने महेश कश्यप को टिकट दिया है, जिनके सामने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज कैंडिडेट हो सकते हैं। गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 11 में से 9 सीटों पर जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार छत्तीसगढ़ में बीजेपी का मिशन-11 चल रहा है, यानी पार्टी सभी सीटें जीतने की कोशिश में लगी है। हालांकि, बीजेपी के इस लक्ष्य को कांग्रेस कई सीटों पर चुनौती दे रही है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन प्रदेश की कई सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस का दबदबा कायम है। लेकिन पूरे देश में मोदी लहर के चलते छत्तीसगढ़ में कुछ भी कह पाना जल्दबाजी और असंभव है। फिर भी लब्बोलवाब ये निकलकर आता है कि छग भाजपा 11 में 11 सीटें जीतने के लिए आतुर और आगे दिखरही है। 

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