मुद्दा कहाँ है...!!!!

Update: 2020-12-03 13:22 GMT

छाले लिए, बस सड़क ही नापी है ना,

सब- बंद अचानक,जब आफ़त बरसाए ।

मुद्दा कहाँ है.!

महामारी के ईलाज में घर ही लुटा है ना,

जेब ख़ाली, बिलखते,जब कफ़न सजाए ।

मुद्दा कहाँ हैं.!

अभी तो हाँथ से सिर्फ़ काम ही गया है ना,

तंगहाल की जब तक जान पर ना बन आए ।

मुद्दा कहाँ है.!

दूर दूर रहो,मास्क पहनो, हाँथ तो धो लो ना,

हो चुके चुनाव, भीड़ में तुम वोट भी डाल आए।

मुद्दा कहा है.!

खेत छोड़कर सिर्फ़ सड़क ही पहुँचे हो ना

फसल के दाम से, जब तक झूल ना जाए ।

मुद्दा कहाँ है.!

मनोज त्रिवेदी - समता कॉलोनी रायपुर (फेसबुक वॉल से)

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