वेटलिफ्टर चैंपियन ज्ञानेश्वरी यादव बनेगी ASI, राज्य सरकार ने लिया बड़ा फैसला
छग
राजनांदगांव। राजनांदगांव की बेटी ज्ञानेश्वरी यादव ने दिल्ली में आयोजित एशियन यूथ और जूनियर वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में महिलाओं के 49 भारवर्ग में रजत पदक अपने नाम किया है। जिसे आज राज्य सरकार ने पुलिस की नौकरी दे दी है। भूपेश बघेल ने इस बात की घोषणा की थी कि ज्ञानेश्वरी यादव को जल्द ही सरकारी नौकरी दिया जाएगा। ज्ञानेश्वरी यादव को पुलिस विभाग में सहायक उपनिरीक्षक के पद पर पदस्थ करने का आदेश जारी किया गया है।
ज्ञानेश्वरी ने एशियन यूथ एंड जूनियर वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में दूसरा स्थान हासिल किया है। सिल्वर मेडल जीतकर ज्ञानेश्वरी यादव राजनांदगांव पहुंची, जहां शहरवासियों और व्यायामशाला के लोगों ने उनका जमकर स्वागत किया। राजनांदगांव के दिग्विजय कॉलेज में पढ़ने वाली ज्ञानेश्वरी ने 28 जुलाई से 5 अगस्त तक आयोजित होने वाले एशियन यूथ एंड जूनियर वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप ने 175 किलो भार उठाया। ज्ञानेश्वरी यादव सिल्वर मेडल जीतकर शहर पहुंची, जहां धूमधाम से उनका स्वागत किया गया। वहीं, रथ में बिठाकर शोभायात्रा निकाली गई। ज्ञानेश्वरी यादव ने बताया कि इस जीत का श्रेय उनके परिवार के और उनके कोच को जाता है, जिन्होंने उनके लिए मेहनत की।
ज्ञानेश्वरी ने बताया कि उनकी इच्छा है कि वे वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतें। इसके लिए उन्हें तैयारी करनी है। एशियन गेम्स में 1-2 केजी से वह चूक गईं। उन्हें अपना बेस्ट परफॉर्मेंस देना था। उन्हें उनके कोच ने बहुत ज्यादा हौसला दिया। उन्होंने बताया कि वह पूरी कोशिश करेंगे कि वह वर्ल्ड चैंपियनशिप में तिरंगा ऊपर लहराएं और गोल्ड मेडल लेकर आएं। इसके लिए उन्होंने 3 घंटा सुबह 3 घंटा शाम मेहनत की थी, यह उनकी पूरे साल भर की मेहनत थी। ज्ञानेश्वरी यादव लगातार शानदार प्रदर्शन करते हुए उपलब्धि हासिल कर रही हैं। इससे पहले भी उन्होंने कई गोल्ड मेडल और सिल्वर मेडल अपने नाम किए हैं, जिसमें हिमाचल प्रदेश के नगरोटा में जून में हुए नेशनल वेटलिफ्टिंग रैंकिंग चैंपियनशिप में ज्ञानेश्वरी यादव ने 49 किलोग्राम भार वर्ग में देश की नंबर वन वेटलिफ्टर बन गई थी। ज्ञानेश्वरी सीनियर वर्ग में भी मैदान में उतरी थी। वहां उन्होंने टोक्यो ओलंपिक की सिल्वर मेडलिस्ट मीराबाई चानू को टक्कर दी थी, जिसमें ज्ञानेश्वरी यादव ने रजत पदक पर कब्जा किया था। इसके साथ ही इसी भार वर्ग में जूनियर वर्ग की स्पर्धा में ज्ञानेश्वरी ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।