रायपुर। मिशन अमृत 2.0 के तहत तीन शहरों लोरमी, मुंगेली और तखतपुर में पेयजल के लिए खुड़िया जलाशय का पानी पहुंचाया जाएगा। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के राज्य शहरी विकास अभिकरण (SUDA) ने इसके लिए 202 करोड़ 84 लाख रुपए स्वीकृत किए हैं। यह छत्तीसगढ़ की पहली ऐसी योजना होगी जिसमें एक साथ तीन नगरीय निकायों को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति होगी। तीनों शहरों के कुल 17 हजार परिवारों को इसका लाभ मिलेगा।
उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव की पहल पर क्षेत्रवासियों की यह बहुप्रतीक्षित मांग पूरी हो रही है। उनके निर्देश पर लोरमी, मुंगेली और तखतपुर के लिए रॉ-वाटर तथा लोरमी शहर के लिए जल शोधन एवं वितरण व्यवस्था के लिए सुडा ने केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के मिशन अमृत 2.0 के अंतर्गत इस योजना की मंजूरी दी है। इस योजना से लोरमी नगर पालिका के नागरिकों को 24x7 शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जाएगी। योजना को साकार करने पूरे नगर में विस्तृत एवं वृहद सर्वे जलप्रदाय सर्वे विशेषज्ञ एजेंसी द्वारा किया गया है।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि लोरमी, मुंगेली और तखतपुर के लोगों की बहुत पुरानी मांग थी कि उनके शहर के लिए शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इस योजना से उनकी बरसों पुरानी मांग पूरी होने जा रही है। शुद्ध पेयजल प्रत्येक नागरिक का अधिकार है। इसे उपलब्ध कराना नगरीय निकायों का दायित्व भी है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना मिशन अमृत 2.0 के तहत यह योजना स्वीकृत की गई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह योजना लोरमी नगर के लिए मील का पत्थर साबित होगी। साथ ही मुंगेली और तखतपुर में भी इससे पेयजल आपूर्ति की समस्या खत्म हो जाएगी।
उप मुख्यमंत्री साव ने योजना के बारे में बताया कि खुड़िया जलाशय से लोरमी, मुंगेली और तखतपुर को रॉ-वाटर देने के लिए 75 किलोमीटर की पाइपलाइन बिछाई जाएगी। लोरमी में पेयजल आर्वधन के लिए 8.5 एमएलडी क्षमता का जल शोधन संयंत्र स्थापित किया जाएगा। लोरमी शहर में शुद्ध पेयजल प्रदान करने के लिए आठ किलोमीटर पाइपलाइन बिछाई जाएगी। साथ ही हर घर तक नल से जल पहुंचाने के लिए 80 किलोमीटर वितरण लाइन भी बिछाई जाएगी। योजना के तहत तीन नए उच्च स्तरीय जलागार का भी निर्माण किया जाएगा।
लोरमी, मुंगेली और तखतपुर शहर में पानी पहुंचाने के लिए लोरमी विकासखंड के खुड़िया जलाशय से पंप के द्वारा पानी जलाशय से तीन किलोमीटर दूर कारीडोंगरी लाया जाएगा, जहां निर्मित जलागार में जल को एकत्रित किया जाएगा। जलागार से पानी गुरूत्वाकर्षण पद्धति (ग्रेविटी सिस्टम) से कुल 70 किलोमीटर की दूरी तय कर लोरमी, मुंगेली और तखतपुर पहुंचेगा, जहां से पेयजल की आपूर्ति की जाएगी। इस पद्धति में किसी भी प्रकार की मशीनरी का उपयोग नहीं किया जाएगा। इससे मशीनों एवं अन्य यंत्रों की खरीदी, बिजली बिल एवं मशीनों के रखरखाव पर होने वाला व्यय बचेगा। तीनों शहरों में जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक स्कॉडा पद्धति से पेयजल व्यवस्था की मॉनीटरिंग की जाएगी।