देखें 12 बजे की LIVE बुलेटिन, और बने रहिए jantaserishta.com पर

Update: 2022-05-12 06:32 GMT

बिहार। बिहार (Bihar) बीजेपी के नेता और नीतीश सरकार के मंत्री प्रमोद कुमार (Pramod kumar) ने मौलवी की तरह पुजारी (Priest) को भी मानेदय देने की मांग की है, नीतीश सरकार में कानून मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा है कि जब मस्जिदों में नमाज पढ़ाने वाले मौलवी और मोअज्जिन अजान देने वालों को पांच से 18 हजार रुपये तक प्रति माह मानदेय देने की व्यवस्था है तो मंदिरों के पुजारियों के लिए भी ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए. बिहार में सुन्नी वक्फ बोर्ड को बिहार सरकार हर साल करीब तीन करोड़ रुपये अनुदान देती है. इससे सुन्नी वक्फ बोर्ड के कर्मचारियों को वेतन आदि दिए जाते हैं.

Full View


पुजारियों की वेतन की मांग करते हुए प्रमोद कुमार ने कहा कि बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड में करीब चार हजार मंदिर निबंधित हैं और इतने ही प्रक्रियाधीन हैं. इनके पुजारियों को सरकार के तरफ से तो मानदेय देने की व्यवस्था नहीं है. इसलिए सरकार को इन्हें भी मौलवी और मोअज्जिन की तरह वेतन या मानदेय दिया जाना चाहिए. साथ ही रजिस्टर्ड मंदिर की आमदनी से एक निश्चित राशि मंदिर के पुजारी को देनी चाहिए.

इससे पहले बिहार सरकार के मंत्री जनक राम ने कहा था कि कि मस्जिदों में तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाने से आम आदमी और पढ़ाई करने वाले छात्रों को दिक्कत होती है. चूंकि कानून सबके लिए एक बराबर है. ऐसे में मस्जिदों में रोजाना बजने वाले लाउडस्पीकर पर भी रोक लगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि होली, दीपावली, छठ और हिंदुओं के दूसरे त्योहारों लाउडस्पीकर बजाने पर रोक लगा दी जाती है. लेकिन मस्जिदों लाउडस्पीकर बजते हैं. इसपर रोक लगनी चाहिए. जनक राम ने कहा कि मस्जिदों के आसपास दूसरे समुदायों के परिवार भी रहते हैं. इसमें भारी संख्या में छात्र-छात्राएं भी होते हैं. हर रोज सुबह-सुबह तेज आवाज से उनको बाधा होती है.

इससे पहले बिहार सरकार के मंत्री जनक राम ने कहा था कि कि मस्जिदों में तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाने से आम आदमी और पढ़ाई करने वाले छात्रों को दिक्कत होती है. चूंकि कानून सबके लिए एक बराबर है. ऐसे में मस्जिदों में रोजाना बजने वाले लाउडस्पीकर पर भी रोक लगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि होली, दीपावली, छठ और हिंदुओं के दूसरे त्योहारों लाउडस्पीकर बजाने पर रोक लगा दी जाती है. लेकिन मस्जिदों लाउडस्पीकर बजते हैं. इसपर रोक लगनी चाहिए. जनक राम ने कहा कि मस्जिदों के आसपास दूसरे समुदायों के परिवार भी रहते हैं. इसमें भारी संख्या में छात्र-छात्राएं भी होते हैं. हर रोज सुबह-सुबह तेज आवाज से उनको बाधा होती है.

Tags:    

Similar News