दुर्लभ बीमारी से ग्रसित थी: शासन की मदद से बिटिया को मिला नया जीवन

Update: 2022-06-25 11:30 GMT
कोरिया। नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने तथा दुर्लभ बीमारियों के इलाज में होने वाले व्यय से बचाने हेतु राज्य शासन द्वारा संजीवनी सहायता कोष का विस्तार करते हुये 01 जनवरी 2020 से मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना प्रारंम्भ किया गया है। योजनांतर्गत जिले के 26 हितग्राहियों को 90 लाख 69 हजार 330 रुपए की राशि से उपचार प्राप्त हुआ है। योजनांतर्गत चिन्हित दुर्लभ बीमारियों जैसे लिवर, किडनी, फेफडों, हृदय का प्रत्यारोपण, हृदय रोग, हीमोफीलिया एवं फैक्टर-8 एवं 9, कैंसर, एप्लास्टिक अनीमिया, कॉक्लीयर इम्प्लांट, एसिड अटैक विक्टिम्स आदि के उपचार हेतु राज्य के पात्र परिवारों को अधिकतम 20 लाख रूपए तक के इलाज की सुविधा प्रदान की जा रही है। राज्य एवं राज्य के बाहर के सभी सरकारी चिकित्सालयों सहित पंजीकृत निजी अस्पतालों तथा सीजीएचएस के अंतर्गत पंजीकृत अस्पतालों में हितग्राहियों को उपचार की सुविधा प्रदान की गई है।

'ब्लड कैंसर जैसे गम्भीर बीमारी से लड़ने 18 लाख रुपए की मदद ने बढ़ाया मनोबल,-'

विकासखण्ड मनेन्द्रगढ़ के वार्ड नंबर 21 के निवासी 35 वर्षीय श्री मदन कुमार टांक को ब्लड कैंसर जैसी गम्भीर बीमारी से लड़ने में शासन की इस योजना से मिली 18 लाख रुपए की राशि ने मनोबल बढ़ाया है। उनके परिजन ने बताया कि हमे बीमारी के बारे में दिसम्बर 2021 में पता चला, पर इलाज का खर्च परिवार की आर्थिक स्थिति पर भारी था। तब हमने मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत आवेदन किया और 18 लाख रुपए की राशि स्वीकृत मिलने पर भोपाल में इलाज हेतु भर्ती करवाया, आज उनकी तबियत स्थिर है। उन्होंने इसके लिए शासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना मुश्किल की घड़ी में हमारे लिए वरदान की तरह साबित हुई है।

'शासन की मदद से बिटिया को मिला नया जीवन-

विकासखण्ड बैकुण्ठपुर के गुरूनानक वार्ड के निवासी श्री प्रेम दीक्षित ने बताया कि जब बिटिया की बीमारी के बारे में पता चला तब परिवार के सामने मानो मुश्किलों का पहाड़ टूट पड़ा। उनकी 24 वर्षीय पुत्री प्रियंका को जीबीएस सिंड्रोम नामक गम्भीर बीमारी जिसमें शरीर पूरी तरह निष्क्रिय स्थिति में चला जाता है, बीमारी के इलाज के लिए शासन की इस योजना के तहत मार्च 2020 में 5 लाख रुपए की मदद प्राप्त हुई। उन्होंने बताया कि राजधानी रायपुर स्थित चिकित्सालय में बिटिया का सफल इलाज हुआ, आज वह पहले से बेहतर स्थिति में है। श्री दीक्षित ने बताया कि इस लड़ाई में शासन के द्वारा की गई मदद से बीटिया को नया जीवन मिला है।    

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