वाप्कोस के प्रतिनिधियों ने क्षेत्र भ्रमण कर लिया परियोजना का जायजा

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Update: 2023-03-20 17:59 GMT
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ शासन एवं भारत रूरल लाइवलीहुड फाउंडेशन एवं एक्सिस बैंक फाउंडेशन के सहयोग एवं मनरेगा के माध्यम से बस्तर सेवक मंडल द्वारा पिछले 4 साल से बस्तर जिला के बकावंड और जगदलपुर में हाई इम्पेक्ट मेगा वाटरशेड परियोजना चलाई जा रही है। इसके क्रियान्वयन में मनरेगा, वन विभाग, उद्यानिकी विभाग, मत्स्य पालन विभाग, कृषि विभाग, कृषि विद्यान विभाग, क्रेडा, बिहान इत्यादि द्वारा हितग्राहियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा निर्धारित मूल्यांकन एजेंसी वेप्कोस द्वारा 19 मार्च को बकावंड विकासखंड के डिमरापाल, बडे देवड़ा, सानदेवड़ा, बडे जिराखाल के टून्डरीआमा और 20 मार्च को बस्तर विकासखण्ड के ग्राम बालेंगा में मनरेगा के माध्यम से किये गए कार्यो का जायजा लिया गया एवं हितग्राहियों और स्व सहायता समूह की दीदियों से मिलकर आजीविका के साधन तथा उनसे प्राप्त होने वाले आय की जानकारी ली। किसानों ने क्षेत्र भ्रमण के दौरान परियोजना से प्राप्त सहयोग के संबंध में वाप्कोस के प्रतिनिधि डॉ आर.पी. सिंह एवं सचिन सहरावत को जानकारी दी।
इस दौरान जनपद पंचायत बकावंड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस.एस.मंडावी एवं जिला पंचायत मनरेगा के सहा.परियोजना अधिकारी पवन कुमार सिंह एवं बीआरएलएफ से अरविन्द द्वारा मनरेगा एवं अभिसरण से पैच में बनाये गए पौधारोपण एवं डबरी निर्माण कार्य, कुआं निर्माण, धान चबूतरा जैसे कार्यो का निरीक्षण करवाया गया तथा मनरेगा से परिसंपत्ति निर्माण के पश्चात आजीविका संबधी मछली पालन, बतख पालन, सब्जी उत्पादन, गौठान में वर्मी कम्पोस्ट खाद ,मशरूम उत्पादन जैसे गतिविधियों को देखकर मूल्यांकन एजेंसी की टीम द्वारा किये गए कार्यो का सराहना करते हुए उचित मार्गदर्शन दिया गया। इस दौरान प्रदान से कुंतल मुखर्जी, आशुतोष नंदा, मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी कौस्तुभ वर्मा, अक्षत जैन, तकनीकी सहायक अमल मौर्य, लोकेन्द्र मौर्य, सोहन कोडोपी, जमुना, सम्बंधित ग्राम पंचायत सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक एवं बिहान की दीदियां, ग्रामीण एवं बस्तर सेवक मंडल के संचालक रेजिमोन चेरुविल आदि उपस्थित थे। पटियाला (परमीत): पटियाला में आज दोपहर करीब डेढ़ बजे अचानक मौसम में बदलाव के बाद भारी बारिश व ओलावृष्टि शुरू हो गई। इस बारिश व ओलावृष्टि से गेहूं की फसल के लिए भारी नुक्सान का खतरा पैदा हो गया है। क्योंकि अभी 48 घंटे पहले ही भारी बरसात व तेज हवाओं ने गेहूं की फसल को काफी नुक्सान पहुंचाया था और अब एक बार फिर से तेज बारिश व ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को काफी नुक्सान हो सकता है। आज हुई बारिश व ओलावृष्टि ने किसानों के चेहरों पर एक बार फिर से मायूसी ला दी है और कर्ज के बोझ तले दबे किसानों को एक और बड़ी परेशानी में डाल दिया है।
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