छत्तीसगढ़ में करना चाहते थे शराबबंदी, पर जनता तैयार नहीं: कुमारी शैलेजा
छग
रायपुर। चुनावी मौसम में जहां शराबबंदी जैसे गर्म मुद्दे एक बार फिर से सियासी तपिश बढ़ा रहे है तो इस बीच कांग्रेस की नेता और प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ने इस मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। बकौल प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ‘वो छत्तीसगढ़ में शराबबंदी करना चाहते थे पर फिलहाल प्रदेश के लोग तैयार नहीं है’। वही अब आशंका जताई जा रही है कि कुमारी शैलजा के इस बयान के बाद प्रदेश में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप बढ़ सकता है। ऐसा इसलिए कि मुख्य विपक्षी दल भाजपा पहले ही इन मामले को लेकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ मुखर है। वे लगातार दावा कर रहे है कि कांग्रेस ने गंगाजल छूकर प्रदेश में शराबबंदी का वादा किया था लेकिन सत्ता में आने के बाद अब वह अपने इस वादे से मुकर रहे है।
दूसरी तरफ सरकार के लिए यह मुद्दा गले की फांस बन गया है। सीएम भूपेश बघेल कह चुके है कि वह प्रदेश में शराबबंदी तो करेंगे लेकिन यह केंद्र के नोटबंदी की तरह नहीं होगा यानी एक झटके में नहीं होगा। सर्व समाज से चर्चा के बाद ही फैसला होगा। दूसरी तरफ राज्य सरकार के डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव इस बात पर खेद जता चुके है कि सरकार ने अपने ज्यादातर वादे पूरे किये लेकिन शराबबंदी पर फैसला नहीं ले पाई। बात करे आबकारी मंत्री और कद्दावर आदिवासी नेता कवासी लखमा की तो वह कई बार इस पर अपनी असहमति जता चुके है। कुमारी शैलजा ने कहा है कि उनकी पूरी टीम आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के घोषणा पत्र पर काम कर रही है। जहां तक शराबबंदी पर क्या फैसला होगा यह घोषणापत्र के सामने आने के बाद सामने आ जाएगा। वे इससे पहले सभी वर्ग और समाज से बात भी करेंगे। बहरहाल जो भी हो लेकिन इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस की तरफ से आये इस ताजा बयान के बाद बवाल मचना तय है। भाजपा फिर से कांग्रेस और पूरी सरकार को इस मुद्दे पर जरूर घेरने की कोशिश करेगी।