कांकेर। ग्राम चुचरूंगपुर में चौखट के उपर की दीवार तीन वर्ष की बच्ची के ऊपर गिरने से बच्ची की इलाज के दौरान मौत हो गई। वहीं स्वजनोें ने अस्पताल में सुविधाओं की कमी से बच्ची की मौत को कारण बताया। मिली जानकारी के अनुसार साक्षी यादव पिता संत यादव तीन वर्ष अपने पड़ोसी के यहां खेल रही थी, तभी लगभग शाम चार बजे चौखट के ऊपर की मिट्टी की दीवार बच्ची के उपर गिर गई। जिसे तत्काल आसपास के उपस्थित लोगों द्वारा बच्ची को मलबे से बाहर निकालकर घायल बच्ची को चारामा अस्पताल लाया गया। जहां इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई। खून से लथपथ बच्ची के शरीर से लगातार खुन बहने और चोट की वजह से बच्ची सांस नहीं ले पा रही थी। जिसे डाक्टरों द्वारा आक्सीजन लगाकर उसकी बिगड़ती स्थिति को सुधारने की कोशिश किया गया। लेकिन आक्सीजन लगाने के 15 मिनट बाद बच्ची की मौत हो गई। बच्ची की मौत से अस्पताल में मातम पसर गया।
स्वजनों ने डाक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया। अस्पताल मे हंगामे की स्थिति निर्मित हो गई। बिगड़ते स्थिति को देखकर स्वजनोें को शांत कराने पुलिस भी अस्पताल पहुंची, जहां स्वजनोें ने डाक्टर से कई सवाल जवाब किए, जिसमें डाक्टरों ने इस बात को स्वीकारा कि अस्पताल मे उस तरह के उच्च क्वालिटी के मशीन नहीं है, जिससे बच्चे की बिगड़ती स्थिति को संभाला जा सके। जिसे बाद तहसीलदार, नायब तहसीलदार भी अस्पताल पहुंचे और स्वजनोें को समझाया। स्वजनोें को शांत कराकर बच्चे का पेास्टमार्टम कर शव को स्वजनोें को सौंपा गया। विदित हो कि चारामा अस्पताल नेशनल हाईवे का जिले के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल है लेकिन अभी भी दुर्घटनाओं जैसे बड़े स्थिति में इलाज के लिएअस्पताल में पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने के चलते अक्सर दुर्घटना या अन्य घटनाओं के बाद घायलों को उच्च अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है। जिसके चलते कई बार रास्ते में कई मरीजों की मौत भी हो चुकी है। जबकि चारामा अस्पताल 98 गांव सहित धमतरी जिले के 10, और बालोद जिले के 15 गांवों के बीच बडा अस्पताल है। और अक्सर बड़े-बड़े गंभीर केस अस्पताल मे आते है। ऐसे में अस्पताल में सुविधाओं को बढ़ाना समय अनुसार जरूरी हो चुका हैं।