दुर्ग। जिला प्रशासन दुर्ग, यूनिसेफ तथा फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से देश भर में 1700 से अधिक व्याख्यान ले चुके प्रोफेसर श्री दीपक तरैया जी ने सामाजिक क्षेत्र में कार्य कर रहे “युवोदय दुर्ग के दूत” स्वयंसेवकों को 20 मई 2024 को प्रशिक्षित किया। तरैया के द्वारा स्व-आकलन व प्रबंधन के विषय पर विभिन्न गतिविधियों, वीडियो प्रेजेंटेशन और व्याख्यानों के माध्यम से जिले के स्वयंसेवकों को सक्रिय रूप से कार्य करने हेतु प्रेरित किया गया। प्रो. तेरैया को 25 वर्षों का अनुभव है इन 25 वर्षों में प्रो. तरैया 1700 से अधिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में व्याख्यान दे चुके है और अधिकांश लोगों को उन्होंने संघटनाओं और समाज में सक्रिय योगदान के लिए प्रेरित किया है। शिक्षा, बाल मनोबल और पेरेंटिंग क्षेत्र में विशेष रूप से उनका योगदान है और इस बात को उन्होंने अपनी 03 पुस्तकों में साझा किया है।
युवोदय दुर्ग के दूत कार्यक्रम का शुभारंभ 07 जुलाई 2023 से प्रारंभ हुआ है। जिला प्रशासन दुर्ग एवं यूनिसेफ के संयुक्त तत्वाधान में एवं जनभागीदारी के मूल मंत्र पर आधारित यह कार्यक्रम गर्भवती माताओं के गर्भावस्था की जॉंच, सामुदायिक मानसिक स्वास्थ्य, किशोर किशोरियों का संपूर्ण विकास, पर्यावरण में युवाओं की भागीदारी एवं नेतृत्व, नशीली पदार्थाे के रोकथाम हेतु, समाज तथा युवाओं का योगदान जैसे सामाजिक एवं व्यवहार परिवर्तन विषयों पर काम कर रहे हैं। दुर्ग के दूत किसी भी समाज, वर्ग, जाति, समुदाय, व्यवसाय से आने वाले 15 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति, जो अपनी योग्यता एवं रूचियों के आधार पर लोगों एवं अपने समाज में बदलाव लाने के इच्छुक है वह भी इस कार्यक्रम से जुड़ सकते है। दुर्ग जिले में 550 वॉलेटियर्स इस कार्यक्रम में जुड़े हुए हैं और लगातार जुड़ते भी जा रहे हैं। इन वॉलेटियर्स के द्वारा जिला प्रशासन के निर्देशों के अनुसार विभिन्न विभागों में संचालित शासकीय योजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु आवश्यक सहयोग किया जा रहा है। विधानसभा निर्वाचन 2023 व लोकसभा 2024 में भी वॉलेटियर्स के द्वारा स्वीप की गतिविधियों के अंतर्गत विभिन्न आयोजनों में सहयोग किया गया है। साथ ही साथ मतदान की प्रतिशत को बढ़ाने के लिए ग्रामीण अंचलों में घर-घर जाकर मतदान करने के लिए प्रेरित किया गया है। वॉलेटियर्स के द्वारा मतदान दिवस पर मतदान केन्द्रों पर भी मतदान दलों को आवश्यक सहयोग किया गया है। इसी कड़ी में 100 से अधिक वॉलेटियर्स को प्रो. तरैया के द्वारा अपने 25 वर्षाे के अनुभव को साझा करते हुए स्वआंकलन व प्रबंधन के विषय पर महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया गया।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने कहा कि युवोदय दुर्ग के दूत/वॉलेटियर्स आज समाज की महत्वपूर्ण जरूरत है, जो समुदाय के सदस्यों के बीच जाकर अपने समय, अनुभव, कार्याे और ऊर्जा को समुदाय के बीच निवेश करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। युवोदय दुर्ग के दूत/वॉलेटियर्स समुदाय के सदस्यों के बीच समर्थन, सम्मान और प्रेरित होने की भावना को बढ़ा रहे हैं और समुदाय के विभिन्न स्तर के विकास में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। उन्होंने युवोदय दुर्ग के दूत स्वयंसेवकों की उनके द्वारा स्वीप अंतर्गत मतदाता जागरूकता कार्यक्रम, बाल विवाह रोकथाम अधिनियम के तहत जागरूकता अभियान एवं पोषण स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रशंसा की। वॉलेटियर्स के जागरूकता के फलस्वरूप ही समुदाय में लगातार अच्छे व्यवहार को अपनाया जा रहा है जो कि जीवन जीने की अच्छी कला को प्रेरित कर रहे हैं। आने वाले समय में वॉलेटियर्स के योगदान को नियमित रूप से किए जाने हेतु कलेक्टर सुश्री चौधरी के द्वारा अपील की गई। इस कार्यक्रम में जिले के विभिन्न ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों से लगभग 100 से अधिक स्वयंसेवक उपस्थित रहे। कार्यक्रम के संयोजन में अजय शर्मा जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं नोडल अधिकारी युवोदय दुर्ग के दूत कार्यक्रम, सुरेंद्र पांडेय डीएमसी शिक्षा विभाग दुर्ग, जिला समन्वयक युवोदय कार्यक्रम श्री शशांक शर्मा, स्नेहिल राठौर यूनिसेफ सलाहकार, अनन्या झा, एग्रीकॉर्न का विशेष योगदान रहा।