सरपंचों की हड़ताल से ग्रामीण परेशान, प्रमाण पत्र बनवाने में हो रही दिक्कत

Update: 2022-09-15 10:00 GMT

पिथौरा। प्रदेश में सरपंचों की हड़ताल को कोई पखवाड़ा भर से अधिक समय बीत गया. शासन के इस दौरान पंचायत स्तर पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं किए जाने से एक तरफ गांव में ग्राम सभा नहीं हो पा रही है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों को जरूरी प्रमाणपत्रों के नहीं बनने से परेशानी हो रही है.

अपनी मांगों की लंबी सूची के साथ हड़ताल में कूदे सरपंचों की अनुपस्थिति का असर अब पंचायत कार्य में दिखने लगा है. ग्रामीण ग्राम सभा में प्रस्ताव नहीं करवा पाने के कारण खासे परेशान हो रहे हैं. पूर्व में सरपंचों के किसी आंदोलन या पद छोड़ने पर तत्काल उपसरपंच या सचिव को पंचायत की जिम्मेदारी दे दी जाती थी. इससे पंचायतों के माध्यम से होने वाले कार्य बेरोक-टोक के चलते रहते थे, और ग्रामीणों का कार्य आसानी से होता रहता था. इस बार की सरपंच हड़ताल में शासन-प्रशासन ने ग्रामीणों की समस्याओं से पूरी तरह आंखें मूंद ली है.

सरपंचों की हड़ताल से मात्र ग्राम सभा की बैठक के प्रस्ताव के कारण रुके कार्यों के अलावा विकास कार्य सहित ग्रामों में चले कार्यों के भुगतान भी सरपंचों की हड़ताल के कारण थम गये हैं. इस संबंध में ग्रामीणों से चर्चा करने पर कुछ ग्रामीणों ने बताया कि यदि सरपंच एक-दो दिन के लिए भी बाहर जाए तो उसका प्रभार सचिव या उपसरपंच को देकर कार्यों की गति थमने नहीं दी जाती, लेकिन अभी की सरपंच हड़ताल में पूरा काम थमा देखकर भी शासन-प्रशासन का कार्य अनवरत जारी रखने के लिए उपसरपंच या सचिव को अधिकृत नहीं किये जाने से शासन-प्रशासन के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है.

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