विधायक के काफिले को ग्रामीणों ने रोका, जानिए क्या है वजह

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Update: 2023-10-08 16:08 GMT
बालोद। विधानसभा चुनाव का बिगुल कभी भी बज सकता है. ऐसे में बालोद जिला में सत्ताधारी कांग्रेसी पार्टी विधायक को उस वक्त भारी पड़ गया, जब स्कूल उन्नयन कार्यक्रम में पहुंचने से पहले गांव के प्रवेश द्वार में सड़क पर लकड़ी रखकर ग्रामीणों ने रोक दिया. मामले में पुलिस और कुछ ग्रामीणों ने हस्तक्षेप किया तब जाकर मामला शांत हुआ और विधायक कार्यक्रम में शामिल हुईं. इस दौरान लगभग 1 घंटे तक विधायक अपनी कार में ही बैठी रहीं. जिसे लेकर विधायक ने भी अपना पक्ष रखा है। दरअसल, विधायक संगीता सिन्हा के 5 साल की कार्यकाल से नाराज ग्राम निवारीकला की विरोध कर रही जनता की माने तो चुनाव जीतने के बाद विधायक विजय रैली में गांव पहुंची थी. उसके बाद लौटकर नहीं आईं और ना ही उनके द्वारा गांव में कोई विकास कार्य कराया गया, जिससे ग्रामीण नाराज हैं।
मामले को लेकर जब विधायक से सवाल किया गया तो उनका कहना है कि, चार-पांच असामाजिक तत्व के लोग थे. ऐसी कोई बात नहीं है. कार्यक्रम को लेकर गांव वाले तैयारी में थे, उन्हें तो पता भी नहीं था. उन्होंने कहा, 4-5 बच्चें थे. जिनको बीजेपी और आम आदमी पार्टी द्वारा भड़काया गया था. ये असामाजिक तत्व थे. कोई बड़ी बात नहीं है. वहीं ग्रामीण लावेंद्र कुमार साहू का कहना है कि, उनका कार्यकाल 5 साल का था. जिसमें वो विजय रैली के टाइम आई थीं. उसके बाद अभी आ रही हैं. 5 साल के कार्यकाल के दौरान एक बार भी गांव नहीं आईं, जिससे गांव वालों में आक्रोश है. उनके कार्यकाल में एक भी काम नहीं हुआ. वहीं कुमारी बाई ने कहा, अब वोटिंग का समय है तो आ रही हैं. जीतने के बाद गांव वाले जिंदा है कि मर गए कोई पूछने नहीं आते।
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