तेन्दूपत्ता बूटा कटाई कार्य से ग्रामीण प्राप्त कर सकते हैं 6 करोड़ का बोनस

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Update: 2023-02-15 15:18 GMT
कवर्धा। जिला स्तरीय तेन्दूपत्ता शाखकर्तन प्रशिक्षण एवं वनों को अग्नि से बचाव के लिए काष्ठागार कवर्धा में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में उपस्थित लघु वनोपज सहकारी समितियों के संचालक मंडल के सदस्यों तथा फड़ मुंशियों, फड़ अभिरक्षकों, परिक्षेत्र अधिकारियों तथा उप वन मंडलाधिकारियों को वनो को अग्नि से बचाने और आग लगने पर उसे कैसे बुझाएं इस संबंध में विस्तृत जानकारी प्रशिक्षण में दी गई तथा प्रायोगिक रूप से फायर ब्लोवर, अग्नि सुरक्षा की जंगल में अग्नि पट्टी काटकर आग को बुझाने का जीवंत प्रदर्शन करके दिखाआ गया। जिससे आगामी ग्रीष्म ऋतु में कवर्धा वनमण्डल के जंगलो को आग लगाने से बचाया जा सके। वनमण्डलाधिकारी कवर्धा चूड़ामणि सिंह द्वारा प्रशिक्षण में दीवाल लेखन, बैनर, पोस्टर, नुक्कड़ नाटक के माध्यम जंगलो को अग्नि से बचाव करने के निर्देश दिए। उन्होंने जन प्रतिनिधियों को शाखकर्तन कार्य का निरीक्षण करने तथा अग्नि घटनाओं की सूचना देने की अपील की।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए वन मंडलाधिकारी कवर्धा चूड़ामणि सिंह ने कहा कि तेन्दूपत्ता संग्रहण से जिले में 16 करोड़ रूपए का पारिश्रमिक वनवासियों को प्राप्त होता है, जिससे उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति सहज ढ़ंग से हो जाती है। पारिश्रमिक राशि में वृद्धि के लिए आवश्यक है कि शाखकर्तन कार्य सही ढंग से हो। शाखकर्तन के फलस्वरूप निकलने वाले पत्ते न केवल अधिक मात्रा में आते है बल्कि उनके आकार में वृद्धि तथा रंग रूप में भी गुणात्मक सुधार होता है। उन्होंने कहा कि उच्च गुणवत्ता वाले तेन्दूपत्तों का विक्रय अधिक दर पर होने के फलस्वरूप ग्रामीणों को पारिश्रमिक के अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि (बोनस) अधिक प्राप्त होता है। शाखकर्तन सही ढंग से करने पर 6 करोड़ तक बोनस का लाभ ग्रामीणों को दिलाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अच्छी गुणवत्ता वाले तेन्दूपत्ते का संग्रहण करने एवं तेन्दूपत्ता संग्रहण दर, लघु वनोपज दरो का ग्राम स्तर पर दीवाल लेखन, बैनर, पोस्टर, के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने के लिए निर्देशित किया गया ताकि संग्राहको को तेन्दूपत्ता प्रोत्साहन पारिश्रमिक के अतिरिक्त तेन्दूपत्ता बोनस भी प्राप्त हो सके।
वनमंडलाधिकारी सिंह ने वर्ष 2023 का शाखकर्तन कार्य मार्च के प्रथम सप्ताह से प्रारंभ कर 10 मार्च तक पूर्ण करने के लिए समस्त उपस्थित पोषक अधिकारी, प्रबंधक, फड़ अभिरक्षक, फड़मुंशी को निर्देश दिए है। कार्यशाला में जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन के संचालक मण्डल के अध्यक्ष दुखीराम धुर्वे, उपाध्यक्ष भागवत साहू, संघ प्रतिनिधि टुमनसिंह, साहेब लाल नेताम, सदस्य सियाराम पाली, टीकाराम बारले, पंचराम धुर्वे, फगनू राम धुर्वे, खेदियाबाई सहित उप वन मंडलाधिकारी कवर्धा, स.लोहारा, एवं परिक्षेत्राधिकारी पंडरिया पूर्व, पंडरिया पश्चिम, रेंगाखार, कवर्धा, तरेगांव, प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति बोड़ला, सिंघारी, खैरबना, मोतिमपुर, कोयलारझोरी, जुनवानी, कुकदुर, कोदवा, कामठी, पंडरिया, छोटूपारा, चिल्फी, तरेगांव, लालपुर, खड़िया, राजानवागांव, रेंगाखार, खारा, सहसपुर के समस्त प्रबंधक, फड़मुंशी, फड़ अभिरक्षक व पोषक अधिकारी उपस्थित थे।
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