समुदायों में बच्चों के अनुकूल वातावरण तैयार करने ग्रामीणों को कर रहे जागरूक
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कवर्धा। जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम द्वारा जिले में बच्चों के लिए अनुकूल वातावरण स्थापित करने के उद्देश्य से ग्राम पंचायतों में गठित बाल संरक्षण समिति के पदाधिकारियों एवं ग्रामीणों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। वहीं नुक्कड़ नाटक पांपलेट प्रचार समाग्री वितरण एवं विभिन्न माध्यमों से बाल अधिकार संरक्षण के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी आनंद तिवारी, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी सी एल भूआर्य के मार्गदर्शन एवं सत्यनारायण राठौर जिला बाल संरक्षण अधिकारी के नेत्तृव में जिला बाल संरक्षण इकाई एवं चाल्ड लाईन की टीम ने ग्राम पंचयात तारो, खैरबना, परसवारा, जंगलपुर, गांगपुर, बैजी, मैनपुरा, मोतिमपुर, बिरकोना, पोड़ी, समनापुर, चिमागोदी, भागूटोला, बरबसपुर, हरमों, कारीमाटी, अचानकपुर, घुघरी कला, टाटीकसा, बरपेलाटोला, बाजार चारभाठा, बांधा, जुनवानी, दामापुर बाजार एवं लालपुरकला में जाकर बाल संरक्षण समितियों की बैठक आयोजित कर मिशन वात्सल्य अंतर्गत बच्चों के लिए संस्थागत एवं गैर संस्थागत सेवाओ, बालगृह, संप्रेक्षणगृह, ओपन संल्टर होम, दत्तक ग्रहण अभिकरण, फॉस्टर केयर बाल उदय योजना ऑफ्टर केयर स्पॉसरशीप कार्यक्रम, चाईल्ड हेल्प लाईन 1098 एवं किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 यथा संषोधित 2021 आदर्श नियम 2022 पॉक्सों एक्ट 2012 की विस्तृत जानकारी देकर पदाधिकारियों तथा लोगों को जागरूक किया। इस दौरान पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति के पदाधिकारी सरपंच, सचिव, पंच, शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता , मतानीन, कोटवार, महिला स्व सहायता समूह के सदस्य, ग्राम पंचायत के बालक बालिकायें, सामाजिक कार्यकर्ता एवं ग्राम पंचायत के गणमान्य नागरिक, जिला बाल संरक्षण इकाई एवं चाईल हेल्प लाईन 1098 के अधिकारी कर्मचारियों की उपस्थिति थे।
कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक में बाल अधिकार संरक्षण से वंचित बच्चों के सुरक्षा सहायता एवं उनके अधिकारों के संरक्षण के मामलों में त्वरीत कार्यवाही के लिए जिले के ग्राम पंचायतों में गठित बाल संरक्षण समिति की निरंतर बैठक करने कहा था। कलेक्टर महोबे ने बताया कि प्रशिक्षण के माध्यम से समिति के प्रत्येक सदस्यों एवं आमजनों को सक्रिय कर बाल संरक्षण तंत्र को मजबूत किया जाना आवश्यक है। पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति की सक्रीयता एवं जागरूकता से बच्चों के प्रति होने वाले हिंसा शोषण एवं उनके अधिकारों का हनन होने से पहले रोका जा सकता है और समुदायों में उनके अनुकूल वातावरण तैयार किया जा सकता है। कार्यक्रम में जिला बाल संरक्षण अधिकारी सत्यनारायण राठौर, संरक्षण अधिकारी गैर-संस्थागत राजाराम चंद्रवंशी, संरक्षण अधिकारी संस्थागत क्रांति साहू, परामर्शदाता अविनास ठाकुर, डेटा एनालिस्ट घनाराम निर्मलकर, सुरेश साहू समाजिक कार्यकर्ता परमेश्री धुर्वे, श्यामा धुर्वे, नितिन किशोरी वर्मा, आउटरिच वर्कर विनय जंघेल, जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग महेश निर्मलकर केन्द्र समन्वयक रामलाल पटेल परामर्षदाता आरती यादव चाईल्ड लाईन का विशेष योगदान रहा।