पिथौरा। नायब तहसीलदार के आवेदन खारिज करने के फैसले से दुखी सलडीह निवासी 61 वर्षीय ग्रामीण ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या का प्रयास किया। स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में उसका उपचार किया गया। फिलहाल उसकी स्थिति सामान्य है। बताया गया कि अस्पताल से उसकी छुट्टी हो गई है। बताया गया कि आवेदक चन्द्रहास भोई (61) का एक अपने ही चचेरे भाई टिकेश्वर के साथ जमीन विवाद चल रहा था। जिसके सीमांकन हेतु न्यायालय नायब तहसीलदार देवेंद्र नेताम की अदालत में आवेदन किया गया था। पूरी जांच के बाद उक्त आवेदन नायब तहसीलदार द्वारा विगत दो जून को खारिज कर दिया गया।
इस फैसले से क्षुब्ध आवेदक चन्द्रहास सोमवार को नायब तहसीलदार के न्यायालय में पहुंचा और कीटनाशक का डिब्बा रखकर उसका सेवन करने की बात कही। ये सुनते ही वहां हड़कंप मच गया। थोड़ी देर तक अधिकारी उसे समझाते रहे पर कीटनाशक का उस पर प्रभाव होता देख उसे तत्काल अस्पताल भिजवा दिया गया। नायाब तहसीलदार ने उसे अपनी गाड़ी से अस्पताल भिजवाया। इस घटना की सूचना पुलिस को दी गई। स्थानीय थाना प्रभारी गोपाल ध्रुवे ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही वे स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे। चंद्रहास को अस्पताल में भविष्य में ऐसा न करने की चेतावनी दी गई। उनसे कहा गया कि यदि कोई निर्णय उनके पक्ष में नहीं आता है तो वे अपील भी कर सकते हैं। इसके बाद चन्द्रहास को सलडीह से आये ग्रामीणों के साथ घर वापस भेजा गया।
नायब तहसीलदार ने बताया कि आवेदक चन्द्रहास के पुत्र ने सन 1983 में एक जमीन अपने ही चचेरे भाई से खरीदी थी। जिसका खसरा नम्बर बदल जाने से दुरुस्तीकरण नही हुआ था। अब चन्द्रहास ने एक आवेदन लगाकर उसके सीमांकन हेतु मांग की थी परन्तु पुराने एवम वर्तमान रिकार्ड में भी उक्त जमीन उसके नाम नही है। लिहाजा उसका आवेदन दो जून को खारिज कर दिया गया था। इस फैसले से नाराज चन्द्रहास सोमवार को अचानक कोई दवा पीकर न्यायालय आया और डब्बा टेबल पर रख इसे पीने की बात बताई। इसके बाद उन्होंने आवेदक को समझाया कि वे इस तरह का कोई कदम ना उठाएं और अपील करे।परन्तु वह नही माना। इसके बाद उसकी बिगड़ती हालत देख कर उसे अपनी ही वाहन से अस्पताल भेज उपचार करवाया गया।