रायपुर। हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर देश एवं प्रदेशभर में विशेष व्याख्यानमाला, संगोष्ठी एवं परिचर्चाओं का आयोजन विभिन्न पत्रकारिता संस्थान, विश्वविद्यालय, महाविद्यालाय सहित प्रेस जगत में किया गया। राजधानी रायपुर के स्कूल आफ इंजीनियरिंग एवं रिचर्स (आईटीएम यूनिवर्सिटी) में भी हिन्दी पत्रिकारिता दिवस पर व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के अतिरिक्त महाप्रबंधक (जनसम्पर्क) विजय मिश्रा, आईटीएम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विकास सिंह सहित अन्य उपस्थितजनों ने विचार व्यक्त किये।
व्याख्यानमाला के आरंभ में कुलपति डॉ. सिंह ने देश के प्रथम हिन्दी समाचार पत्र ''उदंड मार्तण्ड'' के जनक पंडित जुगल किशोर शुक्ल का स्मरण करते हुए पत्रकारिता जगत में उनके योगदान और स्थापित मूल्यों को नम्न किया गया। हिन्दी पत्रकारिता की महत्ता प्रतिपादित करते हुए उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में प्रकाशित होने वाले समाचारपत्रों में हिन्दी समाचारपत्रों की अग्रणी भूमिका रही है. सामाजिक सरोकार से लेकर जीवन के हर क्षेत्र में पत्रकारिता एवं जनसंचार की अनिवार्यता सर्वस्वीकार्य हैं और इसमें मातृभाषा, राजभाषा एवं क्षेत्रीय भाषाओं का बड़ा योगदान रहा हैं।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विजय मिश्रा ने हिन्दी पत्रकारिता के चुनौतीपूर्ण इतिहास के विभिन्न पहलुओं की चर्चा की। उन्होंने हिन्दी पत्रकारिता के सर्वांगिण विकास में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानिओ, साहित्यकारों और श्रमजीवी पत्रकारों के अमूल्य योगदान को रेखांकित किया। इसी क्रम में उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य में हिन्दी पत्रकारिता के विकास में माधवराव सप्रे द्वारा प्रकाशित एवं सम्पादित छत्तीसगढ़ मित्र को आंचलिक पत्रकारिता का आधार स्तम्भ बताया। वर्तमान में जारी वैश्विक महामारी के दौर में श्री मिश्रा ने सकारात्मक एवं नकारात्मक खबरों से जुड़ी मनोवैज्ञानिक धारणाओं की चर्चा करते हुए दैनिक समाचारपत्रों एवं न्यूज चैनलों की भूमिकाओं को अत्यधिक महत्वपूर्ण बताया। प्रेस प्रबंधन सहित विभिन्न शासकीय, अशासकीय एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के बहुआयामी विकास के पीछे जनसम्पर्क एवं विज्ञापन रणनीति को भी उन्होंने रेखांकित किया।
कार्यक्रम में इंजीनियरिंग संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ सत्यप्रकाश माखीजा ने स्वागत उद्बोधन व्यक्त करते हुए आईटीएम यूनिवर्सिटी में हिन्दी दिवस के आयोजन की महत्ता को प्रतिपादित किया। इस कार्य्रक्रम में जीवनविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. रुपेश ठाकुर, प्रो. अमेया जानी, डॉ. अनूप श्रीवास्तव, डॉ. पूजा श्रीवास्तव , डॉ. जय गोडेजा, कुलश्रेष्ठ सिन्हा , मोहित साहू प्रवीण भोजने मौजूद थे. कार्यक्रम का संचालन डॉ. नितिन जायसवाल ने तथा आभार प्रदर्शन प्रो. नारायण साहू ने किया।