Stop Diarrhea Campaign के अंतर्गत गरियाबंद जिले में विभिन्न गतिविधियां आयोजित

छग

Update: 2024-07-12 16:55 GMT
Gariaband. गरियाबंद। जिले में स्टॉप डायरिया कैंपेन 1 जुलाई से शुरू हो चुका है, जो 31 अगस्त तक पूरे 2 महीने तक चलेगा। बच्चों में मृत्यु का एक प्रमुख कारण डायरिया या दस्त है, जिसका समय पर निदान और उपचार से बच्चों की मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है। इसी कारण बच्चों में डायरिया या दस्त से होने वाली मृत्यु की रोकथाम स्टॉप डायरिया कैंपेन या दस्त रोको अभियान के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.गार्गी यदु पॉल ने जानकारी देते हुए बताया कि इस अभियान के दौरान जिले के सभी विकासखण्डों में 0 से 5 वर्ष के बच्चों के घरों में भेंट कर मितानिनों एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा ओ.आर.एस. पैकेट और 14 दिनों का जिंक की गोलियां प्रदाय की जा रहीं है। साथ ही बच्चों के माता पिता एवं पालकों को ओ.आर.एस. घोल बनाने दस्त के समय पिलाने तथा हाथ धुलाई और स्वच्छता, शिशु पोषण एवं आहार - व्यवहार के बारे में जानकारी देकर
जागरूक
किया जा रहा है।

डायरिया से पिड़ित बच्चों में गंभीर लक्षणों की पहचान कर उनके उपचार प्रबंधन के संबंध में बताया जा रहा है। विशेष रूप से डायरिया के कारण बच्चों में होने वाला निर्जलीकरण जिसमें शरीर में पानी की कमी हो जाती है के उपचार हेतु ओ.आर.एस. की उपयोगिता तथा ओ.आर.एस. उपलब्ध ना होने पर घर पर ही जीवन रक्षक घोल तैयार करने के बारे में भी बताया जा रहा है। इसके अतिरिक्त डायरिया नियंत्रण के लिए मैदानी स्वास्थ्य कर्मीयों और मितानिनों द्वारा स्कुलों आँगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को स्वच्छता, दस्त की रोकथाम एवं बचाव, भोजन के पहले एवं शौच के बाद साबुन या हैंडवाश से हाथ धुलाई के तरीके के साथ ओ.आर.एस. घोल बनाने और दस्त के समय उसका उपयोग करने के बारे में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से जानकारी देते हुए जनजागरूता कार्यक्रम आयोजित किये जा रहें हैं। इसी क्रम में शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला जड़जड़ा में शिक्षकों, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक एवं छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में ग्रामिण स्वास्थ्य संयोजक हेमलता देवांगन तथा सी.एच.ओ. रूपमाला राउड के द्वारा हाथ धुलाई के तरीके बताते हुए बच्चों को अभ्यास कराया गया और ओ.आर.एस. घोल तैयार करना सिखाया गया तथा दस्त की रोकथाम एवं उपचार के संबंध में बताया गया। जिले के सभी प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में ओ.आर.टी. कार्नर स्थापित कर निःशुल्क जिंक टैबलेट एवं ओ.आर.एस. का वितरण किया जा रहा है।
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