यूपीईएस देहरादून ने उद्घाटन एचआईएमसीसी मूट कप जीता

Update: 2024-03-20 05:20 GMT

रायपुर। जस्टिस हिदायतुल्ला इंटरनेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता 2024 (एचआईएमसीसी) के उद्घाटन संस्करण में, स्कूल ऑफ लॉ, यूपीईएस देहरादून ने पहली एचआईएमसीसी 2024 की प्रतिष्ठित ट्रॉफी जीती जिसमें तीन अंतरराष्ट्रीय टीमों सहित रिकॉर्ड 40 टीम की भागीदारी थीं। मुस्कान सेठी,अनन्या नंदवाना और मुकुल खंडेलवाल की टीम ने दो लाख रुपये का रिकॉर्ड पुरस्कार जीता।

इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ, निरमा यूनिवर्सिटी को 150000 रुपये की कीमत के साथ उपविजेता चुना गया, जिसमें सुश्री अदिति भारद्वाज, सुश्री कोपल वेद और श्री शाश्वत रंजन शामिल थे। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली ने बेस्ट मेमोरियल अवार्ड जीता। यूपीईएस, देहरादून की सुश्री मुस्कान सेठी ने बेस्ट स्पीकर और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, जोधपुर की सुश्री भाग्यश्री तिवारी ने बेस्ट रिसर्चर का अवार्ड जीता।

एचएनएलयू के कुलपति प्रोफेसर विवेकानंदन ने कहा- "एचआईएमसीसी का उद्घाटन संस्करण भारत में मूट्स की अंतर्राष्ट्रीयकरण की शुरुआत है और यह आने वाले वर्षों में वैश्विक बनने के लिए तैयार है"

इस कार्यक्रम में 40 टीमों के 120 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था और एकेडमिया, बार और बेंच से आए 80 जजों को परिसर में रहने के लिए आमंत्रित किया गया था और राउंड के व्यस्त कार्यक्रम निर्बाध रूप से आयोजित किए गए थे। कार्यक्रम में एमएनएलयू मुंबई के कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) दिलीप उइके ने उद्घाटन भाषण दिया। मूट कम्पटीशन के अंतिम दौर में प्रोफेसर (डॉ.) रणबीर सिंह, आईआईएलएम के प्रो-चांसलर और एचएनएलयू के प्रतिष्ठित न्यायविद प्रोफेसर, छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता श्री प्रफुल्ल भारत; छत्तीसगढ़ ऐडवोकेट जनरल, श्री भरत वी. बुधोलिया, एजेडबी एंड पार्टनर्स के पार्टनर, डॉ. उदय शंकर, एसोसिएट प्रोफेसर, आईआईटी खड़गपुर, और श्री मुरलीधरन आर., पेटेंट और ट्रेडमार्क अटॉर्नी, मनु एसोसिएट्स आदि भी सम्माननीय अतिथि के रूप में समापन समारोह में शामिल हुए।

कार्यक्रम का संयोजन और सञ्चालन एचआईएमसीसी के सचिव डॉ. अनिंध्या तिवारी, सह-सचिव अमितेश देशमुख, अभिनव शुक्ला, मयंक श्रीवास्तव और डॉ. अंकित सिंह के साथ अनिरुद्ध, अमर्त्य, राहुल और स्मिता, छात्र एचएनएलयू मूट सोसायटी के सह-संयोजकों के द्वारा किया गया । समापन समारोह में स्वागत भाषण प्रो. (डॉ.) योगेन्द्र श्रीवास्तव, डीन-पीजी स्टडीज द्वारा किया गया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. विपन कुमार, रजिस्ट्रार (प्रभारी) द्वारा प्रेषित किया गया।


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