रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ0 किरणमयी नायक की अध्यक्षता में जिला कार्यालय कोण्डागांव में आयोजित जनसुनवाई में दो पीड़ित महिलाओं को उनके पति से भरण-पोषण के लिए 10.80 रूपए दिलवाया गया। इसके साथ ही एक प्रकरण में सगाई के उपरांत विवाह तोड़ने वाले नरहरपुर जिला कांकेर के निवासी कैलाश सिन्हा और उसके परिवारजनों को फटकार लगाई गई। इस पर कैलाश सिन्हा ने महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाने और उसे प्रताड़ित करने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी और सगाई की अंगूठी और घड़ी को वापस किया। जनसुनवाई मंे 08 प्रकरणों पर निर्णय दिया गया और 03 प्रकरण न्यायालय भेजे गए। इस दौरान आयोग की सदस्य श्रीमती नीता विश्वकर्मा, सुश्री अर्चना उपाध्याय, कलेक्टर दीपक सोनी सहित पुलिस अधीक्षक भी उपस्थित रहे। इसके साथ ही डॉ.नायक जिला स्तरीय मानव तस्करी पर रोकथाम हेतु प्रशिक्षण कार्यशाला में भी शामिल हुईं और आवश्यक सुझाव दिया।
सुनवाई में महिला आयोग में पूर्व में आयोजित सुनवाई निर्णयानुसार एक आवेदिका को 4.8 लाख रूपये का भरण-पोषण भत्ता एवं अन्य एक आवेदिका को शासकीय डॉक्टर द्वारा विवाह उपरान्त घर से निकाले जाने एवं न्यायालय के निर्णयानुसार पत्नि को न अपनाने पर आपसी सहमति से 06 लाख रूपये का अंतिम भरण-पोषण भत्ता एवं विवाह के समय दिये गये घरेलू सामानों को उसके घर पहुंचाने के निर्देश दिये गए।
इसके साथ ही आयोग के समक्ष अनुसूचित वर्ग की महिला को उसके पति की मृत्यु के बाद समाज के प्रतिनिधियों द्वारा बहिष्कृत किये जाने का मामला सामने आया। मामले में दोनों पक्षों के मध्य सुलह हेतु समय देते हुए प्रकरण को रायपुर स्थानांतरित किया गया। इस अवसर पर डॉ.नायक ने बताया कि महिला आयोग द्वारा सभी जिलों में गांव-गांव तक पीड़ित महिलाओं और लोगों में जागरूकता जागरूकता रथ चलाया जा रहा है। यह रथ आगामी दिनों में कोण्डागांव सहित कई जिलों में जाकर विधिक साक्षरता का प्रसार करेंगे।