बोलेरो सवार दो तस्कर गिरफ्तार, 6 लाख का गांजा जब्त

छत्तीसगढ़

Update: 2021-06-27 08:03 GMT

अकिफ फरिश्ता

जनता से रिश्ता लगातार शराब बिक्री और नशे के कारोबार पर खबर प्रकाशित करता आ रहा है। जिस खबर का असर देखने को मिल रहा है।

रवि साहू और आशिफ नेहरू नगर (गैंग) को क्यों नहीं पकड़ते साहब, दोनों तस्कर तो करोड़ो का गांजा और शराब बेचते है. रायपुर के युवा पीढ़ी को ख़राब कर रहे है...

छत्तीसगढ़। महासमुंद के बसना क्षेत्र में चेकिंग के दौरान पुलिस ने 60 किलो गांजे के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया है। मिली जानकारी के मुताबिक सिटी ग्राउंड पदमपुर रोड बसना के पास पदमपुर ओडिशा की ओर से आ रही बोलेरो क्रमांक एमपी 36 बीबी1862 को पुलिस ने रोका। वाहन में दो व्यक्ति सवार थे, जिन्हें नाम पता पूछने पर मध्यप्रदेश निवासी हरीशचंद सिवारे (57) और उत्तरप्रदेश निवासी अनिल कुमार (39) बताया। वाहन से गांजे की गंध आने पर तलाशी ली गई। वाहन की छत में लोहे के चैंबर में गांजा पाया गया। आरोपियों के कब्जे से 60 किलो गांजा कीमती 6 लाख रुपए, एक सफेद रंग की बोलेरो कीमती करीब 5 लाख, तीन मोबाइल फोन, 900 रुपए नगदी कुल 11,06,900 जब्त कर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों के खिलाफ धारा 20(ख), 29 नारकोटिक्स एक्ट के तहत कार्रवाई की गई।

डॉन रवि साहू डी कंपनी की तर्ज पर शहर में फैला रहा नेटवर्क

नशे के कारोबार के बाद अब खून की कालाबाज़ारी

पैसे कमाने के लिए नशे का कारोबार कर रहे लोग अब कई और दूसरे रास्ते भी अपना रहे है, इसके लिए वे लोगों की मजबूरियों का भी फायदा उठा रहे है। नशेबाजों ने अब खून का काला करोबार भी शुरू कर दिया है। कमाने के लिए लोगों की जान की भी कीमत लगाई जा रही है। ब्लड डोनेट कराने और ब्लड बैंकों से उपलब्ध कराने के नाम पर दोगुने-तिगुने दाम वसूलने लगे है।

लगातार पकड़ा रहे गांजे से तस्करी की हमारी खबरों की पुिष्ट बराबर होते जा रही है

रहा सवाल अगर तस्करी रायपुर शहर या छग से नहीं होती तो पुलिस लगातार दो महीने से गांजे की खेप कैसे पकड़ रही है

बावजूद तस्करी से लिप्त सफेदपोश नेता का खुलासा करने से पुलिस क्यों बच रही है, या जांच में कोई कमी तो नहीं है?

राजधानी रायपुर में आए दिन सट्टा का करोबार जोरो से चलते जा रहा है। शहर में सट्टे का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। शहर के साथ-साथ गांवों में भी सट्टा का कारोबार सफेदपोश नेताओं और आस-पास लोगों की मदद से तेजी से फैल रहा है। शहर का डॉन रवि साहू मुंबई की डी कंपनी की तर्ज पर अपना कारोबार चला रहा है। लोग बेख़ौफ़ होकर अपने काले धंधे का संचालन कर रहे हैं। शहर के कई क्षेत्रों में सट्टे का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो पूरा मामला जान कर भी स्थानीय पुलिस मौन धारण किये हुए है। पूरे शहर को सट्टे ने अपनी चपेट में ले लिया है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोग अब खुलेआम सट्टा खेल रहे हैं और उनमें पुलिस का भी कोई डर नहीं नजर आता। वहीं पुलिस भी इस पूरे मामले पर अपनी आंखें मूंदे हुए हैं। शहर की तंग गलियों में काफी लोग सट्टे के धंधे में लगे हुए हैं। वहीं हालात देखकर लगता है कि इस पूरे मामले में कहीं ना कहीं पुलिस की कार्रवाई नहीं हो रही है, क्योंकि जिस तरह लोग खुलेआम सट्टा चलने लगा है, इसकी जानकारी पुलिस को होते हुए भी कोई कार्यवाई नहीं कि जाती हैं। माना जा रहा है कि रायपुर में रोजाना लाखों रुपए का सट्टा खेला जा रहा है। शहर में धड़ल्ले से चल रहे इस कारोबार को इलाके के सफेद पोश नेताओं का खुला संरक्षण प्राप्त है।

धमतरी में 3 जुआरी गिरफ्तार

रुपए पैसों की हार जीत की बाजी लगाकर जुआ खेलते शनिवार को 3 जुआरियों को पुलिस ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि कुछ लोग एक स्कूल परिसर में जुआ खेल रहे हैं। इस पर कोतवाली पुलिस स्टाफ ने गवाहों के साथ घेराबंदी कर रेड की कार्रवाई की गई। यहां संजय राव 23 वर्ष, अरुण साहू 31 वर्ष और राजकुमार ठाकुर 34 वर्ष सभी निवासी रामपुर वार्ड के 52 पत्ती ताश से रुपए पैसे का हार जीत की बाजी लगाकर जुआ खेलते रंगे हाथ पकड़े गए। जुआरियों के फड़ से 2220 रुपए नगदी, 3 मोबाइल तथा ताश की 52 पत्ती जब्त की गई है। पकड़े गए जुआरियों के विरुद्ध जुआ अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई।

कोड वर्ड में चल रही है बात

पुलिस या कोई खुफियां एजेंसी सट्टोरियों को पकड़ न सकें। इस लिए सट्टोरियों ने कोड वर्ड में बात शुरू कर दी है। पुलिस को उनका पता न लग सके। गौरतलब है, कि कुछ समय पूर्व शहर में जुए का कारोबार जोरों पर संचालित किया जाता था। पूर्व में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस अवैध कारोबार को ध्वस्त किया था। लेकिन वर्तमान में फिर से क्षेत्र में एक बार फिर जुआ माफिया सक्रिय हो गए है। सूत्रों की माने तो इन जुआ माफिया को कुछ सफेदपोश लोगों का भी संरक्षण प्राप्त है। शहर में संचालित जुए के फड़ में दांव लगाने के लिए क्षेत्र के बड़े-बड़े जुआरियों का आना-जाना लगा रहता है। वही अंदेशा लगाया जा रहा है, कि जुएं के बढ़ते व्यापार से शहर में आपराधिक वारदातों में इजाफा हुआ है। जुआ माफिया द्वारा संचालित किए जाने वाले जुएं के फड़ में आने वाले जुआरियों को सुरक्षित माहौल मुहैया करवाने के नाम पर रुपए लिए जाते हैं। यह रकम जुआरियों से वसूली जाती है। यही नहीं कारोबारी जुए में हारने वाले जुआरियों को मोटे ब्याज पर कर्ज भी मुहैया करवाते हैं। इसी के तहत उधार रुपए देकर मोटे ब्याज में फंसा लिया जाता है। कुछ ही दिनों ने ब्याज मूल रकम से भी ज्यादा हो जाता है, कुछ लोग रकम न चुका पाने व माफिया की प्रताडऩा से तंग आकर आत्मघाती कदम उठा लेते है।

सट्टा बना नशा

सट्टा एक नशा की तरह होता हैं, पहले लोग अपनी किस्मत आजमाते हैं फिर बाद में अपनी गाढ़ी कमाई को दोगुना करने के लालच में फंसकर धीरे-धीरे सब कुछ गंवा बैठते हैं। पुलिस इस अवैध कारोबार में लिप्त लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं करती है, कार्रवाई न होने की वजह से इस गोरखधंधे पर पूरी तरह अंकुश नहीं लग पा रहा है और अवैध कारोबार में लिप्त गिरोह के लोगों के हौंसले बुलंद हैं।

डी-कंपनी की तर्ज पर जुआ-सट्टा का कारोबार

जुए और सट्टे का कारोबार भी जोरों पर चल रहा है। जुआ माफियाओं ने अपना अड्डा नेहरू नगर और नई बस्ती क्षेत्र के अलावा अन्य जगहों पर फैलाते हुए अवैध कारोबार शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि कुछ समय पूर्व शहर में जुए का कारोबार जोरों पर संचालित किया जाता था और इस कारोबार से लगे लोगों के हौसले इतने बुलंद हो चुके है, कि अब दिनदहाड़े जहा खुले मैदानों में सट्टा पर्ची काटी जा रही है, वहीं खुले मैदान के सामने भी सट्टा खिलवाया जा रहा है। पुलिसिया कार्रवाई कितनी कड़ाई से की जा रही है। एक ओर जहां सट्टा, जुआ, भू- माफिया के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करने का दम भर रही है, वहीं खुलेआम जुआरी और सटोरियों के द्वारा किया जा रहा कारोबार उन दावों का मुंह चिढ़ा रहा है।

महासमुंद में कार से 37 लाख नगदी जब्त

महासमुंद पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान नोटों से भरी एक कार जब्त के साथ दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मामले में जानकारी देते हुए महासमुंद एसपी प्रफ्फुल ठाकुर ने बताया कि पैसों के साथ पकडे गए दोनों आरोपी महाराष्ट्र के रहने वाले है, अपुष्ट ख़बरों से पता चला है कि दोनों आरोपी रायपुर से होकर ओडिसा जा रहे थे और वहा से गांजा खरीदने की फिराक मे थे लेकिन उससे पहले ही महासमुंद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल महासमुंद पुलिस दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई कर रही है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस को सूचना मिली थी कि एक वाहन में भारी मात्रा में नगदी लेकर महासमुंद की ओर जा रही है। इसके बाद पुलिस ने अलर्ट हुई और महासमुंद आने वाली सभी गाडिय़ों की चेकिंग शुरू की गई। अंतर्राज्यीय चेक पोस्ट रेहटीखोन में चेकिंग के दौरान एक सफेद रंग की मारुति सुजुकी सियाज कार को रोककर पूछताछ किया गया। वाहन चालक के गोलमोल जवाब से पुलिस ने दस्तावेज की जांच की। इसके बाद कार की तलाशी के दौरान पुलिस को सीट के पीछे बने चेंबर में रखे हुए रुपयों का बंडल मिला। पुलिस ने बताया कि कार से कुल 37 लाख 28 हजार 900 रुपए नगद बरामद हुआ। सिंघोड़ा पुलिस ने कार में सवार आरोपी पीताम्बर शिवाजी माने और अविनाश सिंगारे को गिरफ्तार किया है।

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