रायगढ़। कलेक्टर व जिला दण्डाधिकरी कार्तिकेया गोयल ने आदेश जारी कर कपिल सोलंकी, पिता-जयराम सोलंकी, उम्र-32 वर्ष, निवासी-गुजराती पारा रायगढ़ एवं सृजन पाण्डेय उर्फ सोनी पाण्डेय, पिता-कन्हैया पाण्डेय, उम्र-22 वर्ष, निवासी-कौहाकुण्डा पहाड़ मंदिर वार्ड नं.27 को एक साल के लिए जिला बदर कर दिया है। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 3 एवं 5 (क) एवं (ख)के तहत जिला दण्डाधिकारी न्यायालय में चल रहे न्यायिक प्रकरण में यह आदेश पारित किया है। आदेश में उल्लेख है कि जब तक यह आदेश लागू रहेगा कपिल सोलंकी एवं सृजन पाण्डेय को चौबीस घंटे के भीतर जिला-रायगढ़ तथा समीपवर्ती जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़, सक्ती, बलौदा बाजार, महासमुंद, जांजगीर-चाम्पा, कोरबा एवं जशपुर जिले के क्षेत्र से एक वर्ष के लिए बाहर जाना होगा। कपिल सोलंकी एवं सृजन पाण्डेय को उक्त अवधि में बिना वैधानिक अनुमति लिए इन जिलों की सीमा में प्रवेश नहीं करना है। इस आदेश का तुरंत पालन किया जाना होगा। पालन नहीं करने पर कपिल सोलंकी एवं सृजन पाण्डेय के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।
गौरतलब है कि पुलिस अधीक्षक रायगढ़ द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के आधार पर यह पाया गया कि कपिल सोलंकी वर्ष 2014 से लगातार थाना सिटी कोतवाली क्षेत्र में गाली-गुप्तार, लड़ाई-झगड़ा, मारपीट संबंधी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्ता जारी रहा है। कपिल सोलंकी शहर में होटल, ठेला, गुमटी, आटो आदि दुकानों पर अपना धौस दिखाकर अपने कुछ समर्थकों को लेकर क्षेत्र में दहशत का माहौल पैदा करना एवं खास तौर पर रेलवे स्टेशन चौक के आसपास सभ्य महिलाओं पर फब्तियां कसना, छींटाकसी करता था। कपित सोलंकी के कृत्य से आम शहरवासी में भय एवं आतंक व्याप्त है, बदमाश को सभ्य समाज में खुला विचरण करना आम जनता के हित के लिए उचित नहीं है। उसके प्रति आम जनता एवं समाज में तीव्र आक्रोश व्याप्त है तथा कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। कपिल सोलंकी द्वारा इस तरह लगातार अपराध घटित करते रहा तो कभी भी लोक व्यवस्था एवं सामाजिक शांति व्यवस्था पूर्णत भंग: होकर उग्र रूप धारण कर सकती है। जिससे आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पडऩे की भी युक्तियुक्त संभावना बनी हुई है। इसके आपराधिक कृत्यों में विधिक तरीके से कार्यवाही किए जाने के बावजूद सुधार की कोई अन्य विकल्प नहीं होने से छत्तीसगढ़ राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 5 (क)(ख)के अंतर्गत कार्यवाही अमल में लाया जाना नितांत आवश्यक हो गया है। पुलिस अधीक्षक रायगढ़ द्वारा कपिल सोलंकी के विरूद्ध छ.ग.राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही करने हेतु प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है।
इसी तरह सृजन पाण्डेय उर्फ सोनी पाण्डेय वर्ष 2019 से लगातार आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहता है। इसके मन में पुलिस एवं कानून का भय बिल्कुल समाप्त हो चुका है। सृजन पाण्डेय के विरूद्ध कानूनी प्रावधानों के अंतर्गत लगातार कार्यवाहियां भी की गई है फिर भी उसके आचरण पर कोई सुधार परिलक्षित नहीं हुआ है। सृजन पाण्डेय के आपराधिक आचरण के कारण आम जनता में असुरक्षा एवं भय का माहौल बना हुआ है। उनके इस कृत्य के कारण आम जनता एवं समाज में तीव्र आक्रोश व्याप्त है तथा कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। सृजन पाण्डेय के इस तरह लगातार अपराध घटित करते रहा तो कभी भी लोक व्यवस्था एवं सामाजिक शांति व्यवस्था पूर्णत: भंग होकर उग्र धारण कर सकती है। जिससे आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पडऩे की भी युक्तियुक्त संभावना बनी हुई है। इसके आपराधिक कृत्यों में विधिक तरीके से कार्यवाही किए जाने के बावजूद भी सुधार की कोई अन्य विकल्प नहीं होने से छत्तीसगढ़ राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 5 (क)(ख)के अंतर्गत कार्यवाही अमल में लाया जाना नितांत आवश्यक हो गया है। पुलिस अधीक्षक रायगढ़ द्वारा सृजन पाण्डेय उर्फ सोनी पाण्डेय के विरूद्ध छ.ग.राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही करने हेतु प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है।
जिसके पश्चात कलेक्टर व जिला दण्डाधिकारी गोयल ने आदेश पारित किया कि अनावेदक लगातार अपराधिक कृत्य में संलग्न होकर अपराधिकृत प्रवृत्ति का व्यक्ति है जिससे कानून व्यवस्था एवं लोक व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। अत: राज्य सुरक्षा अधिनियम के उक्त प्रावधान के तहत उसे जिले से निष्कासित किए जाने का पर्याप्त कारण है। अत: राज्य की सुरक्षा व कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिए कपिल सोलंकी एवं सृजन पाण्डेय उर्फ सोनी पाण्डेय को इस जिला तथा समीपवर्ती जिलों से निष्कासित किया जाना अति आवश्यक हो गया है। अतएव कपिल सोलंकी एवं सृजन पाण्डेय उर्फ सोनी पाण्डेय को रायगढ़ जिले तथा समीपवर्ती जिले सारंगढ़-बिलाईगढ़, सक्ती, बलौदा बाजार, महासमुंद, जांजगीर-चाम्पा, कोरबा एवं जशपुर जिले की सीमाओं से एक वर्ष की अवधि के लिए निष्कासित किया जाता है। कपिल सोलंकी एवं सृजन पाण्डेय उर्फ सोनी पाण्डेय को आदेश पारित होने के 24 घंटे के भीतर उक्त जिलों की सीमा से बाहर जाना होगा।