स्व-सहायता समूहों व उनके संगठनों का लेन-देन होगा डिजिटल: सीईओ

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Update: 2023-04-20 19:05 GMT
बीजापुर। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना अन्तर्गत स्व-सहायता समूहो के द्वारा मुख्य रूप से पंचसूत्र का पालन किया जाता हैं, जिसमें नियमित बैठक, नियमित बचत, नियमित लेन-देन, नियमित समय में ऋण वापसी एवं नियमित अभिलेख संधारण किया जाता हैं। वर्तमान में पूरे देश में स्व-सहायता समूहो का लेन-देन का अभिलेख संधारण रजिस्टरों के माध्यम से किया जाता रहा हैं।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1 अप्रैल से भारत सरकार के द्वारा समुदाय आधारित आपरेटिंग सिस्टम-लोकोस एप्लीकेशन के माध्यम से स्व-सहायता समूह, ग्राम संगठन तथा संकुल स्तरीय संगठन के समस्त लेन-देन एवं प्रोफाईल एन्ट्री के कार्य कर ऑनलाईन प्लेटफार्म में लाया जा रहा हैं। इसी तारतम्य में प्रशिक्षण का पहला चरण 18 से 21 अप्रैल तक 4 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण ग्रामीण स्व-रोजगार प्रशिक्षण संस्थान बीजापुर (आरसेटी) में प्रशिक्षण संचालित है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री रवि कुमार साहू ने आकस्मिक निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान साहू ने बताया कि जिले में लगभग 2165 स्व-सहायता समूह का निर्माण किया गया हैं। ग्राम संगठन लगभग 120 तथा संकुल स्तरीय संगठन का निर्माण किया गया हैं। समुदाय आधारित आपरेटिंग सिस्टम -लोकोस एप्लीकेशन के माध्यम से जिला स्तर से मॉनिटरिंग में सुविधा मिलेगी। ग्रामीण परिवार के महिलाओं को स्व-सहायता समूह में जोड़ा जाता है। एक गांव में कम से कम 10 एवं अधिकतम 20 स्व-सहायता समूहों को मिलाकर ग्राम संगठन का निर्माण किया जाता हैं। इसी प्रकार विकासखण्ड के एक क्लस्टर में जितने भी ग्राम संगठन होता हैं, उसका संकुल स्तरीय फेडरेशन बनाया जाता हैं। संचालक, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार जिला बीजापुर में कुल चार चरणों में चारो विकासखण्ड के सामुदायिक संवर्गो का ग्रामीण स्व-रोजगार प्रशिक्षण संस्थान बीजापुर (आरसेटी) में प्रशिक्षण संचालित हैं।
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