बस्तर जिले में इस अनूठी पहल के लिए मास्टर ट्रेनरों को दिया गया प्रशिक्षण

Update: 2021-10-06 11:59 GMT

जगदलपुर। बस्तर जिला प्रशासन और यूनिसेफ द्वारा कम्युनिटी फीडबैक मैकेनिज्म (सामुदायिक प्रतिक्रिया तंत्र) की एक अनूठी पहल की जा रही है। इसके लिए जिला कार्यालय के प्रेरणा कक्ष में इंस्टीट्यूट फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट (सीडीएसए) पुणे और यूनिसेफ के अधिकारियों द्वारा मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षण दिया गया। कम्युनिटी फीडबैक मैकेनिज्म (सीएफएम) की पहल भारत के बस्तर में अपनी तरह की प्रथम पहल है, जहां युवोदय वॉलंटियर्स की मदद से व्यवस्थित फीडबैक लूप बनाया जा रहा है। इस मौके पर कलेक्टर रजत बंसल ने कहा, कोविड युग के बाद सरकार और विकास संगठनों को लोगों को जोड़ने, उनकी जरूरतों और प्राथमिकताओं को बेहतर बनाने के लिए अधिक लक्षित दृष्टिकोण की आवश्यकता है।

यूनिसेफ और बस्तर जिला प्रशासन युवा और किशोर स्वयंसेवकों के समर्थन से युवोदय नामक एक अनूठी और अभिनव पहल शुरू करने के लिए एक साथ आए हैं। यह पहल जिले के आमचो बस्तर अभियान के तहत है। जांच की पहली प्रक्रिया अक्टूबर में पूरी की जाएगी। इसके बाद हर महीने स्वयंसेवक प्राथमिकता तय करेंगे जिससे प्रशासन को प्रतिक्रिया योजना तैयार करने में मदद मिलेगी

यूनिसेफ विकास के लिए संचार विशेषज्ञ अभिषेक सिंह प्रशिक्षण के दौरान कहा कि इस पहल का उद्देश्य बस्तर जिले में युवाओं की कमियों और जरूरतों को उजागर करने के लिए सूचना के साथ-साथ फीडबैक लूप प्रदान करने वाला एक मंच विकसित करना है। युवाओं को उनके अधिकारों, कर्तव्यों, सरकारी कार्यक्रमों और सेवाओं के बारे में जानकारी तक पहुंच में सुधार करके बस्तर जिले की युवोदय कार्यक्रम के अंतर्गत सामुदायिक प्रतिक्रिया तंत्र (सीएफएम) विकसित किया जा रहा है। समय-समय पर फीडबैक के माध्यम से उनकी बात सुनने और सरकारी नीतियों और सुधारों पर सकारात्मक कार्रवाई सुनिश्चित किया जाएगा। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री ऋचा चौधरी और यूनिसेफ के प्रतिनिधि सहित युवोदय के स्वयंसेवक उपस्थित थे।

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