रायपुर। छग मे कड़कड़ाती ठण्ड का मौसम आते ही जंगल सफारी मे प्रतिदिन 3 से 4 हज़ार पर्यटको का मेला लगा हुआ है. जंगल सफारी मे इस समय बाघ, मोर, हिरन, चीतल समेत कई अन्य वन्य प्राणियों को देखने के लिए वन्य पर्यटको का ताँता लगा हुआ है.
जंगल सफारी के वनपाल शंकर लाल यादव और संतोष कोसरे ने बताया कि ठण्ड के दिनों मे जंगल सफारी मे बच्चों के साथ साथ बड़े बुजुर्ग भी जंगल सफारी का लुफ्त उठाने छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों से भी पर्यटक आते है. जंगल सफारी के वनपाल शंकरलाल यादव ने बताया कि जंगल सफारी घूमने आये पर्यटको को मेन गेट से बसों मे बिठाकर जंगल सफारी घुमाया जाता है और जू तक छोड़कर आते है और जू घूमकर वापस आने वाले पर्यटको के लिये जू के पास बसें लगाई गई है.
इसी के साथ ही पर्यटक नौकविहार का भी खूब आनंद ले रहे है विंटर हॉलिडे को देखते हुवे बोट की भी अत्यधिक व्यवस्था की गई है पर्यटको के साथ साथ जंगल सफारी मे ठण्ड से बचने के लिए हिरन के लिए ग्रीन शेड बनाया गया है और बाघ व चीते के लिए हीटर लगाया गया है जिससे अंदर से पत्थर और दीवारे गर्म रहती है जिसकी वजह से टेम्प्रेचर नियंत्रण मे रहता है.
पर्यटको को इन दुर्लभ और सुन्दर जानवरो को देखना एक यादगार अनुभव हो रहा है जंगल सफारी मे बाघो की बढ़ती संख्या ने इस क्षेत्र को वन्यजीव प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना दिया है. इसके साथ ही जंगल सफारी मे ठण्ड के इस मौसम मे जंगल सफारी की लोकप्रियता और भी बढ़ जाती है दूर दूर से पर्यटक यहाँ आकर वन्यजीवो की सैर करते है
जंगल सफारी का रोमांच और वन्यजीवो का प्राकृतिक जीवन दर्शाता है कि छत्तीसगढ़ का जंगल अब पर्यटन के लिहाज से प्रमुख स्थान बन चुका है. वनपाल एस एल यादव ने बताया कि स्कूल से आने वाले बच्चों को सफारी के गाइड द्वारा जंगली जानवरों के बारे में तो बताया ही जाता है साथ ही पेंटिंग और निबंध प्रतियोगिता भी आयोजित किया जाता है.