रायपुर। नई सोच और नई साज सज्जा के साथ नव मतदाता वोट करने को तयार हैं। हमारे 75 साल के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी युवा सोच रखते हैं। अकबर, ढेबर और गोबर की सरकार है। कालीबाड़ी के रविंद्र मंच में आयोजित नव युवा मतदाता सम्मेलन में युवाओं का रेला दिखा। रायपुर दक्षिण से विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने नव मतदाताओं का स्वागत करते हुए कहा कि देश-प्रदेश के लोकतंत्र को बचाने के लिए भाजपा को लाना होगा। हम आगे बढ़े, संघर्ष करें और अपने आप नेतृत्व के गुण का निर्माण करें। उन्होंने कहा कि भारत माता की जय और युवा शक्ति - राष्ट्र शक्ति के नारे के साथ आज युवजनों से कहा कि आज मैं युवा शक्ति को जगाने आया हूं। असत्य के खिलाफ लड़ने वाला हर एक आदमी युवा है। हमको जीवन में सफलता प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता। सबको नेता बनने के लिए राजनीति में आने की आवश्यकता नहीं है। अपने-अपने क्षेत्र में अपने-अपने समाज में अपने-अपने कार्य में वह नेता बने तो इस देश को हमको वैभव के शिखर पर पहुंचना है। बृजमोहन ने कहा कि युवाओं से कहा हमें इस देश को सोने की चिड़िया बनाना है। देश में दूध और घी की कभी नदियां बहती थी भारत में वो जज्बा है। हमारे नौजवानों में भी बहुत जज्बा है। अगर यह मिट्टी प्रभु राम को पैदा कर सकती है, कृष्ण को पैदा कर सकती है, बुद्ध को पैदा कर सकती है। यह देश फिर से सोने की चिड़िया बन सकता है। फिर से विश्व गुरु बन सकता है।
इसी आवाहन के साथ मैं आपसभी नौजवानों को पहली बार वोट करने के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि आज के युवा कल का भविष्य होते हैं, यही राष्ट्र के भाग्यविधाता होते हैं। प्रदेश की माताओं-बहनो में असुरक्षा का माहौल है, लेकिन हम गारंटी देते हैं कि भाजपा सरकार आते ही महिला सुरक्षा पर बड़ा कदम उठाएंगे। प्रदेश का विकास हमारे युवा साथियों के हाथों में है। आज युवाओं की मांग है कि उन्हें अच्छी शिक्षा मिले पर आज भूपेश सरकार में उन्हें इसके लिए भी लड़ना पड़ रहा है। आपको अपने जीवन का उद्देश्य पता होना चाहिए, आप युवा लोगों को ही देश का भविष्य तय करना है और प्रदेश को तरक्की की ओर ले जाने की जिम्मेवारी भी आप के कंधों पर है। आज युवाओं की मांग है कि उन्हें अच्छी शिक्षा मिले पर आज भूपेश सरकार में उन्हें इसके लिए भी लड़ना पड़ रहा है। पिछले 5 साल में बघेल सरकार में 1 रुपए का स्टार्टअप भी नहीं हुआ, जब की 110 से ज्यादा नई कंपनी देश के प्रधानमंत्री जी ने दी हैं। अपने रायपुर को विकासशील बनाना है तो आज हमारे युवाओं को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए वोट करना होगा। कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे, स्वप्निल मिश्रा, अभिनेत्री मोना सेन , अजय चंद्राकर, मृतुन्जय दुबे, मनोज वर्मा, संजुनाराय, मोहन, रामकृष्ण ढिवर, मोना सेन, प्रवीण , सरिता वर्मा, मनीषा चंद्राकर आदि नेता मौजूद रहे।
छात्र राजनीति के दिनो को किया याद
बृजमोहन अग्रवाल ने अपने युवा शक्ति के दिनों को याद करते हुए कहा कि मुझे याद है कि हम लोग विद्यार्थी परिषद की तरफ से राजनीति में आए थे उस समय कांग्रेस का वर्चस्व था एक ब्लैक लिस्ट बनती थी जो छात्र नीति में आंदोलन करने वाले लोग हैं जो छात्र राजनीति में एबीवीपी के लोग हैं उनकी ब्लैक लिस्ट बना दी जाए उनको विश्वविद्यालय में एडमिशन नहीं मिलता था। मुझे एडमिशन के लिए हाईकोर्ट जाना पड़ा था। इसके बाद मैं छात्रसंघ का अध्यक्ष बन पाया था। बृजमोहन ने कहा कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था को कांग्रेस सरकार ठीक तो नहीं कर सकती, लेकिन शिक्षक की भर्ती ट्रांसफर पोस्टिंग में भाई भ्रष्टाचार का माफिया राज जरूर चलाया है। भ्रष्टाचार के विश्वविद्यालय के कुलपति भूपेश बघेल के संरक्षण में केंद्र के करोड़ों रुपए का संगठित रूप से गबन करने कमीशन खोरी का खेल खेला गया। बिना काउंसलिंग 15000 सहायक शिक्षकों की पदोन्नति करने पोस्टिंग करी गई। जिन 12000 मामलों में काउंसलिंग हुई उन्हें दूर की पोस्टिंग देकर उनसे संशोधित आदेश के लिए पैसे लिए गए। कांग्रेस नेताओं की सिफारिश पर हजारों ट्रांसफर आदेश संशोधित किए, जिसमें हर आदेश पर करोड़ों की लेनदेन की गई। कांग्रेस ने जिन शिक्षकों को प्रोन्नति का वादा कर लुभाया था, उन्हें शिक्षकों को कांग्रेस ने लूटा है। वहीं सरकारी विभागों में इन 5 सालों में कुल 33,348 पदों पर भर्ती की गई किंतु विज्ञापन सिर्फ 2,20,154 पदों का ही निकल गया, जिससे ऐसा पता चलता है कि छत्तीसगढ़ में शासकीय पदों की भर्ती में गोलमाल का खेल खेला गया। स्कूल शिक्षा विभाग में चावल वितरण के मामले में 500 करोड़ से अधिक का घोटाला हुआ। कोंडागांव, जगदलपुर, सूरजपुर आदि जिलों में भंडार क्रय नियम एनसीसीएफ, एसएचजी, केन्द्रीय भंडारण की अनदेखी कर करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया गया। कांग्रेस सरकार तो इस कदर भ्रष्टाचार में डूबी है की उन्होंने आंगनवाड़ी में कार्यरत माताओं और बहनों के लिए मोदी सरकार से आयी 1000 रुपए की साड़ी के पैसे भी डकार गए। उसके लिए भी उन्हे आंदोलन करने पड़े।