आदिकवि महर्षि वाल्मीकि की जयंती आज

Update: 2022-10-09 04:26 GMT

रायपुर। आज आदिकवि महर्षि वाल्मीकि की जयंती है. छग के राज्यपाल ने ट्वीट कर रामायण के रचनाकार, आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जयंती पर प्रदेश एवं देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी।  वाल्मीकि समाज के लोग इस दिन चल समारोह निकालते हैं व अन्य कई आयोजन भी करते हैं। महर्षि वाल्मीकि से जुड़ी कई कथाएं और मान्यताएं प्रचलित हैं। महर्षि वाल्मीकि ने ब्रह्माजी के कहने पर ही रामायण की रचना की थी। भगवान श्रीराम से जुड़े तथ्यों को प्रमाणित करने के लिए आज भी वाल्मीकि रामायण ही सबसे ज्यादा सटीक मानी जाती है।

पौराणिक मान्यता के अनुसार, एक बार महर्षि वाल्मीकि कई दिनों तक तपस्या में लीन थे. वे तपस्या में इतने अधिक मग्न हो गए कि उनके शरीर पर दीमक लग गया और उन्हें इस बात का पता भी ना चल सका. महर्षि नें जब अपनी साधना को पूर्ण करने बाद आंखें खोली तो उसके बाद अपने शरीर से दीमक को हटाया. मान्यतानुसार दीमक जब किसी स्थान पर अपना घर बना लेता है तो उसे ही वाल्मीकि कहा जाता है. कहते हैं कि इसी कारण से महर्षि का नाम वाल्मीकि पड़ा.

हिंदू धर्म में वाल्मीकि जयंती का खास महत्व है. महर्षि वाल्मीकि ने सबसे पहले रामायण की रचना संस्कृत में की. रामायण हिंदू धर्म का एक प्रमुख महाकाव्य है. वाल्मीकि जयंती के दिन देशभर में धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इसके अलावा इस दिन महर्षि वाल्मीकि की पूजा कर धूमधाम से उनकी जयंती मनाई जाती है.

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