छत्तीसगढ़ परब को दिया जा रहा बढ़ावा

छग

Update: 2023-08-05 08:51 GMT
रायपुर। आदिवासी संस्कृति की अपनी एक विशिष्ट पहचान है। उनकी बोली भाषा, संस्कृति, परम्परा से, रीति रिवाजों से जाना जाता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विश्व आदिवासी दिवस पर 9 अगस्त 2022 से शासकीय अवकाश का लाभ देकर उनकी बरसों की मांग पूरी कर दी है। ताकि अपने रीति रिवाजों और त्योहार को हर्षाेल्लास के साथ मना सकें छत्तीसगढ़ शासन उनके विकास के लिए अनेकों काम कर रही है। आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए आदिवासी सांस्कृतिक का परिक्षण एवं विकास योजनान्तर्गत आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में आदिवासियों के पूजा एवं श्रद्धा स्थलों पर देवगुड़ी के निर्माण मरम्मत योजना संचालित है। विगत साढ़े चार वर्षों में देवगुड़ी ठाकुरदेव एवं सांस्कृतिक केंद्र घोटुल निर्माण, मरम्मत योजना अंतर्गत प्रदाय की जाने वाली राशि में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि की गई है। प्रति देवगुड़ी की राशि 1 लाख रूपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए प्रति देवगुड़ी कर दिया गया। योजना के स्वरूप राशि में 5 गुना वृद्धि हुई है। इसके साथ ही अबुझमाड़िया जनजाति समुदायों में प्रचलित घोटुल प्रथा को संरक्षित रखने के लिए विशेष प्रयास किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ शासन ने विगत चार वर्षों में 2763 देवगुड़ी के लिए राशि 5185.83 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है। साथ ही अबुझमाड़िया संस्कृति के विकास और उत्थान के लिए बस्तर संभाग के नारायणपुर जिले में 104 घोटुल निर्माण के लिए राशि 470.00 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है। आदिवासी के त्योहारों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना की शुरुआत की गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना अंतर्गत आदिवासियों में तीज,सरना,देवगुड़ी,नवाखाई,छेरछेरा, अक्ती,हरेली त्यौहारों, उत्सवों मेला,मड़ई जात्रा आदि पर्व की परम्परागत संस्कृति का विकास और उनके आगामी पीढ़ी को हस्तांतरण करने के लिए योजना की शुरुआत की गई है। अनुसूचित क्षेत्र की प्रत्येक ग्राम पंचायत को राशि उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत को राशि 10 हजार रुपए दिए जाने का प्रावधान है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में योजना के क्रियान्वयन के लिए राशि 5 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। वर्ष 2023-24 में वित्तीय नियमानुसार प्रथम किस्त की राशि 5 हजार के मान से 5633 ग्राम पंचायतों को डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खाते में राशि 281.85 लाख हस्तांतरित की गई।
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