नकली उत्पादों में उल्हासनगर को मात दे रहा तिल्दा-नेवरा

Update: 2021-11-20 05:52 GMT
  1. खाने-पीने के सामानों के साथ इलेक्ट्रानिक ब्रांड़ों का धड़ल्ले से बन रहे नकली प्रोडक्ट, USA के तर्ज पर
  2. नकली उत्पाद असली बनकर बिक रहे धड़ल्ले से बाजार में, प्रशासन कार्रवाई करने ने नाकाम
  3. राजनीतिक संरक्षण से फैल रहा नकली सामान का कारोबार
  4. टीवी, लेपटॉप, रिमोट, एलईडी लाइट ब्रांड से कम दाम पर देने का दावा
  5. ब्राउन शुगर कारोबार तेजी से बढ़ा - स्मार्ट सिटी में ब्राउन शुगर का कारोबार तेजी से बढ़ा है। युवा पीढ़ी इस नशे की आदी होते जा रही है। वहीं, कारोबारी इस अवैध धंधे से मालामाल हो रहे हैं। बस स्टैंड, स्टेशन, मौदहापारा, गोलबाजार,सिविल लाइन, कालीबाड़ी थाना क्षेत्र में ब्राउन शुगर, गांजा, चरस, अफीम की बिक्री हो रही है। कहीं पुडिय़ा मिल रही है तो कहीं सिगरेट में भर कर इसे बेचा जा रहा है। एक ग्राम से लेकर दस ग्राम तक के पैकेट बिक रहे है। एक पैकेट तीन सौ रुपये में मिल रहा है। वहीं एक सिगरेट तीन सौ से चार सौ रुपये में बेची जा रही है। तीन महीने में राजधानी में दर्जनों तस्करों की कारोबारी गिरफ्तारी हो चुकी हैं। इनके तार मुंबई व कोलकाता जैसे महानगरों से जुड़े होने की बात सामने आई है। वहां से सफेद जहर लाकर शहर में बेचने का धंधा चल रहा है। भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों के पान दुकान, होटल, नाश्ते की दुकान में नशीले पदार्थ की बिक्री हो रही है जिनकी पहचान कर पाना पुलिस के लिए मुश्किल काम हो गया है। मुंबई कोलकाता आदि बड़े शहरों से कारोबारी बस व ट्रेन के जरिए नशीले पदार्थ मंगा रहे हैं। इंजीनियरिग व मैनेजमेंट कालेज में पढ़ाई करने वाले युवा नशा सेवन के आदी हो रहे हैं जो आम लोगों के लिए चिंता का कारण बन गया है। इससे अपराध भी बढ़ रहा है।

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी का प्रमुख शहर और औद्योगिक क्षेत्र जहां सुई से हवाई जहाज तक के नकली सामान खुलेआम बनाकर मार्केट में पहुंचकर असली सामान को मात दे रहा है। घरेलू उपयोग में आने वाली दैनिक सामग्री आटा, तेल, दाल, जीरा, काली मिर्च, लौंग, काजू, चायपत्ती, आइसक्रीम, चाकलेट, बिस्किट, टोस,क्रिमरोल जैसे खाद्य सामग्री नकली उत्पादकों के कब्जे में है। नकली कारोबारी ही अपने रसूख का इस्तेमाल कर गांव से लेकर शहरों तक नकली सामान चैनल बनाकर खपा रहे है। वहीं राजनीतिक पार्टियों से जुड़े ओहदेदार घराने के लोग अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर नकली सामान बनाने वाले उत्पादकों को संरक्षण दे रखा है, जिसके चलते पुलिस और वाणिज्यकर,जीएसटी, खाद्य विभाग के अधिकारी इन नकली सामान बनाने वाले कारोबारियों पर हाथ डालने से कतराती है। दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुओं के सबसे बड़ा उत्पादक क्षेत्र भाटापारा, तिल्दा-नेवरा है। जहां बहुतायत राइसमिल के आड़ में नकली, खाद्य पदार्थ, इलेक्ट्रानिक्स उत्पाद टीवी, लेपटॉप, रिमोट, एलईडी लाइट बाजार में खपाया जा रहा है, डिमांड के अनुसार टीवी, लेपटॉप, एसईडी लाइट मिलते जुलते नाम से कम दाम में देने का दावा कर उपभोक्ताओं को गारंटी-वारंटी देने की भी बात करते है। यहीं नहीं गली-मोहल्लों में नकली कास्मेटिक कंपनियों के ब्रांडेड सामान मोहल्ले की महिलाओं को बेच रहे हैं। इससे साफ सिद्ध होता है कि जो ब्रांडेड आइटम मार्केट में 500 रुपये की मिल रही है। वही आइटम मोहल्ले में 50 रुपये की उपलब्ध हो रही है। पुलिस को नकली सामान बेचने की शिकायत मिलने के बाद भी कार्रवाई करने में लेटलतीफी कर मामले को ठंडा कर देती है। जिससे नकली कारोबार करने वाले साफ बच निकलते है।

नकली रेगुलेटर विक्रेता के ठिकाने पर छापा

कुछ दिन पहले राजधानी के गोलबाजार थाना क्षेत्र में एक दुकान में खाद्य विभाग को नकली रेगुलेटर बेचने की सूचना मिली। पुलिस ने पाइंटर भेज कर रेगुलेटर खरीदने ग्राहक बनाकर जवान को भेजा और पुलिस ने छापामार कार्रवाई कर सैकड़ों नकली रेगुलेटर जब्त किया। इस तरह नकली रेगुलेटर बिक्री से उपभोक्ताओं को गंभीर नुकसान हो सकता है। दुकानदार ने अब तक कितने लोगों को नकली रेगुलेटर बेचा है, और किन-किन शहर, गांव, मोहल्लों उपयोग हो रहा है कोई जानकारी पुलिस को नहीं मिल पाई है। जो जान जोखिम वाला हो सकता है। शापिग मालों में बिकने वाला कास्मेटिक सामान का जीएसटी के हिसाब से बिल दिया जाता है। जबकि शहर में छोटी दुकानों पर बिकने वाले माल की न तो बिल मिलता है और न ही इसकी कोई गारंटी होती है।

मुख्य बाजार-गली मोहल्ले में नकली चाय पत्ती और नमक की बिक्री

ब्रांडेड कंपनियों के नाम से मिलते जुलते नाम वाली नकली चाय पत्ती और नमक व्यापारी खुलेमाम बेच रहे है। मुख्यबाजार से लेकर गली -मोहल्लों की दुकानों में नकली खाद्य सामग्री धड़ल्ले से खप रहा है। खाद्य विभाग और जिला प्रशासन को नकली खाद्य बिक्री की जानकारी होने के बाद भी कार्रवाई नहीं करने से नकली सामान बेचने वाले कारोबारियों के हौसले बुलंद है। खाद्य सामग्री के साथ पानी भी ब्रांडेड कंपनियों के नाम से बेचा जा रहा है। । नकली नमक और चाय पत्ती पर कॉपीराइट एक्ट के तहत केस दर्ज होना चाहिए। जो डिस्ट्रीब्यूटर के किे साथ उत्पादक को भी आर्थिक नुकसान पहुंचाते है। जानकारी के मुताबिक नकली सामान बेचने वालों ने दुकानदारों की टीम बना रखी जहां माल खपाया जाता है। दुकानदारों ने आसपास के गांवों में अपना रैकेट फैला रखा है। जो डिस्ट्रीब्यूटर की भूमिका में माल को छोटे दुकानदारों को खपाते है।

पानी भी नकली, सबसे बड़ा उत्पादक भाटापारा-तिल्दा-नेवरा क्षेत्र

राजधानी से जुड़े होने के कारण भाटापारा, तिल्दा-नेवरा में मिनरल वाटर का धंधा जोरशोर से चल रहा है। नामी और ब्रांडेड कंपनियों के मिलतेे-जुलते नाम वाले पानी बॉटल और पाऊच राजधानी के बड़े होटलों के साथ रायपुर और भाटापारा के रेलवे स्टेशन में खुलेआम खपाया जा रहा है। नकली पानी बॉटल सार्वजनिक स्थानों, पान ठेलों, होटलों में बेखौफ खपाया जा रहा है।

नकली विदेशी शराब फैक्ट्री का भंडाफोड़

राजधानी हाल ही में कुछ दिनों पहले नकली विदेशी शराब तैयार कर शहर के विभिन्न अंचल में खपाने का मामला सामने आया था। जिसे आबकारी विभाग ने ताबड़तोड़ कार्रवाई कर पूरे परिवार की संलिप्तता का भंडाफोड़ किया गया था। नकली शराब की पैकिंग होने की सूचना मिलने पर आबकारी विभाग के निरीक्षक की अगुवाई ने टीम ने छापेमारी की। यहां से नकली विदेशी शराब के साथ लेवल एवं शराब तैयार करने का सामान जब्त किया गया।

नकली पनीर खपाने का कारोबार चल रहा धड़ल्ले से

आजकल बाजार में असली और नकली सामान हर जगह बिक रहा है ऐसे में असली की पहचान करना मुश्किल है। अगर आप नकली पनीर का सेवन करेंगे तो आपको पेट में दर्द, सिरदर्द, पीलिया, डायरिया, टायफाइड जैसी बीमारियां हो सकती हैं।

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