कालाबाजारी करने वालों में कानून का डर नहीं, मेडिकल स्टोर में सस्ते दवाओं की भी मारामारी और अभाव बताकर बेच रहे महंगे दामों में

Update: 2021-04-29 15:31 GMT

छत्तीसगढ़ में कालाबाजारी की कोई कानून नहीं होने के चलते मेडिकल संचालक मनमानी पर उतर गए है, जिसके चलते कानून का डर ख़त्म हो चूका है. और उन्हें छूटभैय्या नेताओं का फूल संरक्षण मिल रहा है. जनता से रिश्ता की पड़ताल पूरे प्रदेश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में है. 

टीप- जनता से रिश्ता का उद्देश्य अफवाह फैलाना नहीं, बल्कि आम जनता को सचेत करना है. 

रायपुर। रेमडेसिविर इंजेक्शन के बाद कोरोना मरीज़ों के लिए जरुरी कई दवाइयों का शॉर्टेज भी अब बाजार में होने लगा है, दवा कारोबारी इसका कृत्रिम अभाव पैदा कर रहे है। जिससे दवा दुकानों में आम लोगों को ये दवाइयां नहीं मिल रही है जिनमे मल्टी विटामिन के तौर पर सुप्राडीन मल्टी विटामिन एक सस्ती दवा है जो मिल रही थी अब वो बाजार से गायब हो गई है। इसी तरह विक्स वेपोरब भी दुकानों में नहीं मिल रहा है। आपदा को अवसर बनाकर मुनाफा कमाने के लिए कुछ लोग इस तरह की साजिश रच रहे है और सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।

मेडिकल मार्किट से विलुप्त हो चूका "विक्स"

राजधानी के हर मेडिकल स्टोर्स से विक्स वेपोरब की शीशी (बोतल) के लिए अचानक होड़ मची हुई है। अचानक विक्स मार्केट से ही ईद का चाँद हो गया है। किसी भी बड़े मेडिकल स्टोर्स में विक्स वेपोरब की शीशी (बोतल) नहीं मिल रहा है। और अगर कुछ जगहों में मिल भी रहा है तो 2 से 3 गुना ज्यादा दाम में मिल रहा है, एक विक्स 50 रूरु का 135 रुपए और 25 रूरु का 80 रूपये वही विक्स का सबसे छोटा डिब्बा जो 10 रुपए का हुआ करता था अब वो 30 रुपए हो गया है। अब मेडिकल सेंटरों में इस तरह के छोटे-मोटे दवाइयों से मुनाफाखोरी की जा रही है। जिस पर स्वास्थ्य अमला ध्यान भी नहीं दे रहा है। सर्दी-जुकाम या फिर सिरदर्द में विक्स वेपोरब का इस्तेमाल किया जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं, चेहरे की झुर्रियों और दाग-धब्बों में भी यह उतना ही फायदेमंद होता है। अचानक इस तरह से छोटे-मोटे दवाइयों का गायब होना एक राजनीतिक साजिश भी हो सकती है जो छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।

सुप्राडीन मल्टी विटामिन भी बाजार से हुआ गायब

अब सुप्राडीन मल्टी विटामिन गोली जो कोरोना वायरस से लडऩे के लिए शरीर में ताकत बनाए रखता है ये मल्टी विटामिन भी मेडिकल बाजार से गायब हो गया है। एक तरह से देखा जाए तो साल 2020 में जब से कोरोना वायरस आया था तब से इस वायरस का कोई इलाज भी नहीं था उस वक़्त लोग इसी गोली को खाकर अपने शरीर में विटामिन की मात्रा को बढ़ाए रखते थे। लेकिन जैसे ही कोरोना की वैक्सीन आई वैसे ही इस सुप्राडीन मल्टी विटामिन की मांग भी बढने लगी। अब ये मल्टी विटामिन गोली मेडिकल मार्किट से पूरी तरह अंडरग्रॉउंड हो चुका है। अब तो कुछ बड़े मेडिकल स्टोर्स वाले भी ग्राहक को शॉर्टेज का बहाना बताकर महंगे दामों में इस दवाई का सौदाकर उसे बेच रहे है।

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