पार्टी विरोधियों पर होगी सख्ती, दूसरे नेताओं पर भी नजर

Update: 2023-02-14 06:26 GMT

नेताम और चावला को अनुशासन समिति ने दिया है नोटिस

चावला के खिलाफ कुर्मी समाज लामबंद, सीएम से मिलने की तैयारी

रायपुर (जसेरि)। कांग्रेस हाईकमान प्रदेश की सत्ता में काबिज कांग्रेस सरकार और संगठन को कमजोर करने वाली ताकतों पर सीधे एक्शन के मूड में दिखाई दे रही है। सत्ता और संगठन के खिलाफ सिर उठाने वाले किसी भी नेता को कांग्रेस पार्टी चुनावी साल में बर्दाश्त नहीं करेगी, यह संकेत दो नेताओं अरविंद नेताम और अमरजीत चावला को नोटिस देकर हाईकमान ने दे दिया है।

चुनावी साल में कांग्रेस फूंक-फूंक कर कदम रखने जा रही है। इसलिए आलाकमान विघ्नसंतोषियों को माफ करने के मूड में नहीं है। उच्चपदस्थ सूत्रों कि माने तो कांग्रेस पार्टी सीधा एक्शन लेकर पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने पर किसी भी नेता को बाहर का रास्ता दिखाने से गुरेज नहीं करेगी। जिस तरह अरविंद नेताम को आदिवासी मामलों में सरकार से अलग स्टैंड लेने उन्हें बरगलाने और सरकार की आलोचना करने को लेकर तथा अमरजीत चावला के खिलाफ सीएम और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने को लेकर शिकायतों की लंबी फेहरिस्तमिलने पर नोटिस जारी किया गया है, उससे साफ है कि आने वाले दिनों में और भी नेता अनुशासन समिति निशाने पर आ सकते हैं। जिस तरह नेताम ने आदिवासियों को बरगलाने का काम किया वैसे ही अमरजीत चावला ने पिछड़ा वर्ग समाज के लिए अनर्गल असम्मानजनक भाषा शैली का प्रयोग किया। जो आलाकमान की संज्ञान में है।

पूर्व में भी अमरजीत के द्वारा ओबीसी समाज के विशेष वर्ग को 2017-18 में अपशब्दों का प्रयोग किया गया था जिसका बहुत विरोध हुआ था जिसमें पुलिस कार्रवाई भी हुई थी। लेकिन उस समय मामले को ज्यादा तुल ने देते हुए पार्टी ने सुधरने का मौका दिया । उस समय नरमी बरतकर अमरजीत को कांग्रेस में प्रवेश फिर से दिया गया था। अब अमरजीत के खिलाफ इतने पुख्ता सबूत है जिसमें सरकार और संगठन विरोधी बयान के साथ भूपेश सरकार के खिलाफ षडयंत्र रचने जैसे आरोपों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और ठीक चुनाव से पहले इस तरह की गतिविधियों को टाला भी नहीं जा सकता। इसलिए अमरजीत चावला के पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता पर संज्ञान लेकर नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। राजनीतिक सूत्र बताते है दोनों नेताओं के जवाब देने के उपरांत भी उन्हें पार्टी से बेदखल करने की संभावना व्यक्त की जा रही है। राजनीतिक हलको में यह भी चर्चा है कि सरकार और संगठन के खिलाफ षडयंत्र करने वालों की सूची तैयार हो चुकी है। अरविंद नेताम और अमरजीत चावला पर एक्शन के बाद उन नेताओं को भी बोरिया बिस्तर समेटने कहा जा सकता है।

कांग्रेस पार्टी सत्ता और संगठन के खिलाफ काम करने वालों को संदेश देना चाहती है कि कोई भी बड़े से बड़ा छोटे से छोटा नेता हो, चाहे किसी का भी समर्थक हो सरकार और संगठन के विरोध में काम करते पाया गया तो वह मान कर चले कि उसका पार्टी से विदाई तय है। जो भी नेता पार्टी में रहकर ही विरोधी गतिविधियों में संलिप्त है उन नेताओं के लिए यह सबक होगा। आने वाले दिनों देखना है कि पार्टी लाइन में रहकर पार्टी के निष्ठावान नेताओं का विरोध करने वाले स्वयंभू नेता कैसे बचते है। सूत्रों के अनुसार नोटिस मिलने के बाद कुर्मी समाज को लेकर चावला के बयान वाले आडियो एक बार फिर सोशल मिडिया में वायरल हो रहे हैं जिसे लेकर कुर्मी समाज के लोग फिर लामबंद हो रहे हैं और जल्द मुख्यमंत्री से मिलकर चावला को कांग्रेस से निष्कासित करने की मांग करने वाले हैं। कांग्रेस नेताओं ने चर्चा हो रही है कि 9 फरवरी को आलाकमान से दोनों नेताओं को नोटिस जारी हुआ था। आज 5 से 6 दिन बीत चुके हैं लेकिन उनके द्वारा अभी तक कोई जवाब नहीं देना उनके अहंकार को दिखाता है।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में चुनावी राज्यों में नेताओं पदाधिकारियों की कार्यप्रणाली और पार्टी पर उसके असर को लेकर भी रायशुमारी होगी। राजस्थान और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। दोनों ही राज्यों में कांग्रेस अपनी सरकार की वापसी सुनिश्चित करने के लिए मंथन करेगी और इस पर रणनीति बनाई जाएगी। राजस्थान में जहां अशोक गहलोत और सचिन पायलट के परस्पर विरोधी रवैये से पार्टी सत्ता में रहते हुए भी संकटों में घिरती रही हैं। चुनाव के दौरान इस गुटबाजी को मिटाकर सरकार की वापसी के लिए संयुक्त रणनीति बनाकर काम करने पर जोर दिया जाएगा, वहीं छत्तीसगढ़ में भी भूपेश-सिंहदेव को लेकर गुटबाजी और खेमेबाजी की बात उठती रही है लेकिन सिंहदेव ने हमेशा इससे इंकार करते हुए आलाकमान के निर्णय को ही सर्वोपरि बताते रहे हैं। कुछ नेता जो पार्टी में रहकर सत्ता और संगठन के खिलाफ बयान बाजी और काम करते रहे हैं ऐसे दो नेताओं को नोटिस जारी कर आलाकमान ने ऐसी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करने का साफ संकेत दे दिया है। ऐसे में पार्टी लाइन से अलग काम करने वाले दूसरे नेताओं पर भी गाज गिरने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

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