सब्सिडी से वंचित मछली पालकों में भारी आक्रोश

Update: 2024-10-16 03:38 GMT

गरियाबंद। मत्स्य विभाग में ग्रामीण मछली पालकों को बढ़ावा देने राज्य व केंद्र सरकार की कई योजनाएं संचालित हैं, लेकिन जानकारी के अभाव मत्स्य पालकों को इसका पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है या वे ठगे जा रहे हैं. मामले का खुलासा आरटीआई से निकाले गए दस्तावेज से हुआ. कार्यकर्ता मोहम्मद लतीफ द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में योजना पर किए गए व्यय की जानकारी निकाली गई थी.

दस्तावेज के मुताबिक इस वित्तीय वर्ष में जिले के आदिवासी व गैर आदिवासी 168 मछली पालकों को 50 प्रतिशत सब्सिडी के आधार पर 10 लाख 10450 रुपये के उन्नत किस्म के मछली बीज उपलब्ध कराने का दावा किया गया है. रिकार्ड में मैंनपुर ब्लॉक के कोयबा गांव के 20 हितग्राहियों का नाम भी था, जिनसे मिलने पर सब्सिडी के बजाए नगद भुगतान कर बीज लाने की बात किसानों ने बताया है.

मामले की सच्चाई जानने हमने रिकार्ड में नाम उल्लेखित कृषकों में से श्रीराम नेताम, लंबर सिंह, कुंवर सिंह, छत्तर सिंह, आशिक मांझी से मुलाकात किया. सभी ने किसी भी प्रकार के योजना से अनभिज्ञता जाहिर की. लोगों ने कहा कि पिछले साल मछली विभाग के कर्मचारी उनसे संपर्क किए, उन्हें उच्च क्वालिटी के मछली बीज सस्ते कीमत में दिलाने का दावा किया गया ,सभी उनके कहने पर पिकअप किराए में ले कर गरियाबंद मछली डिपो तक पहुंचे.सभी से 4_4 हजार रुपये लिए गए, फिर मछली की मात्रा जितनी दिया वो उन्हें बाजार कीमत से भी महंगा लगा.


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