जंगलों में लग रही भीषण आग, हड़ताल के दौरान हो रहे बड़े हादसे

छग

Update: 2022-04-01 15:54 GMT

कवर्धा। प्रदेश के वन मंत्री व कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर के जिले में कवर्धा शहर के राजीव पार्क में 21 मार्च से वन कर्मी हड़ताल पर बैठे हैं। वनों की सुरक्षा भगवान भरोसे है। जंगलों में आग लग रही है। हड़ताल के दौरान जिले में 10 से अधिक जगहों पर आग लग चुकी है।

इस हड़ताल के दौरान जंगल रेंगाखार रेंज व तरेगांव जंगल क्षेत्र में भी आगजनी की घटना सामने आई है। कवर्धा वनमंडलाधिकारी चूणामणि सिंह ने बताया कि आग लगने की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय ग्रामीणों और विभाग की मदद से आग पर काबू पाने का प्रयास लगातार किया जा रहा है।
जंगलों को आग से बचाने के लिए वाल राइटिंग के माध्यम से भी वनांचल क्षेत्र के लोगो को जागरूक किया जा रहा है। वन विभाग के अफसर वन समिति और फायर विभाग की टीम के जरिए आग को काबू में करने का प्रयास किया जा रहा है।
बताया गया है कि सामान्य तौर पर जंगलों में आग लगने का सीजन 16 फरवरी से 15 जून तक हर साल होता है। विभाग द्वारा आग लगने की कई वजह बताई जा रही है। जैसे- पतझड़ के बाद जंगल में फायर प्रोटेक्शन वर्क की कमी, महुआ फूल बीनने के लिए पेड़ के नीचे सफाई करने के लिए आग लगाने की आदत आदि। आमतौर पर महुआ बीनने वाले ग्रामीण पत्तों में आग लगा देते हैं, जो तेजी से फैलता है।
हाथों पर महेंदी लगाकर मांग पूरी करने आवाज की बुलंद
हड़ताल में शामिल महिला कर्मचारियों ने हाथों पर मेंहदी लगाकर सरकार से मांगें पूरी करने के लिए नारे लगाए। वनकर्मियों ने कहा कि वन्य प्राणियों और पौधों को रक्षा सूत्र बांधकर प्रकृति की सेवा में कर्मचारी सदैव तत्पर रहते हैं। शासन वर्षों से पीड़ित वन कर्मचारियों की पीड़ा नहीं सुन रही है।
जंगल के आग से जलने की खबर सुनकर आहत हैं। जंगल की सुध लेने वाला कोई नहीं है। हड़ताली कर्मियों ने बधाों को रक्षा सूत्र बांधने के साथ ही एक-दूसरे को रक्षा सूत्र बांधकर अधिकार की लड़ाई में मांग पूरी होने तक एकजुट रहने के लिए संकल्प लिया।
इस नंबर पर दें सूचना
वन विभाग द्वारा वनों की अग्नि से सुरक्षा के लिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय अरण्य भवन रायपुर में कंट्रोल रूम स्थापित किया है। यहां के टोल फ्री नम्बर 18002337000 पर कोई भी व्यक्ति आग लगने की सूचना दे सकता है। इसी तरह समस्त वनमंडलों में भी कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जहां से आग लगने की घटना की निगरानी की जा रही है। वन विभाग के अनुसार 15 जून तक वनों को अग्नि से बचाना विभाग की प्राथमिकता में है।

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