फिर बना ग्रीन कॉरिडोर, देर रात दो बार हाईवे खाली कर 35 मिनट में तय की भिलाई-रायपुर की 33 किलोमीटर की दूरी, पढ़े पूरी खबर
ग्रीन कॉरिडोर में...
छत्तीसगढ़ के दुर्ग में ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पुलिस और हेल्थ डिपार्टमेंट ने दो गंभीर मरीजों की जान बचाई है। यह पहला मौका नहीं है, जब दुर्ग पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर किसी की जान बचाई हो। इससे पहले भी रायपुर या अन्य शहरों तक मरीज को रेफर करने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। इस बार एक नहीं बल्कि दो हॉस्पिटल से देर रात मदद पहुंचाई गई है। पहला शंकराचार्य हॉस्पिटल जुनवानी भिलाई से एम्स रायपुर और दूसरा पल्स हॉस्पिटल नेहरु नगर से बालाजी हॉस्पिटल रायपुर तक मरीजों को पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया।
मरीजों के लिए बनाया ग्रीन कॉरिडोर
अमूमन भिलाई से रायपुर तक का सफर तय करने में एक से डेढ़ घंटे का समय लगता है। ऐसे में पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर 35 किलोमीटर के इस सफर को 35 मिनट में तय किया। शंकराचार्य हॉस्पिटल जुनवानी भिलाई से इशरत जंहा (42 वर्ष) का इलाज चल रहा था, लेकिन वहां स्वास्थ्य सुधार न होने पर एम्बुलेंस के माध्यम से रात 10.05 बजे एम्स हॉस्पिटल रायपुर भेजा गया है। इशरत के हार्ट में परेशानी हो रही थी। अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और डाक्टरों ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए रायपुर ले जाने की सलाह दी। चैलेंज था कि क्रिटिकल कंडिशन में मरीज को सही सलामत कैसे रायपुर पहुंचाया जाए। हेल्थ डिपार्टमेंट और पुलिस विभाग को इसकी जानकारी दी गई और ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इसी तरह दूसरे मरीज गरिमा पाठक (47) को देर रात पल्स हॉस्पिटल नेहरु नगर भिलाई से बालाजी हॉस्पिटल रायपुर 3 बजे पहुंचाया गया। बताया गया कि गरिमा को ब्रेन हेमरेज हो गया था।