दुर्ग। सुभाष नगर निवासी शिक्षिका बबिता चंद्राकर ने अपनी माँ सरोज चंद्राकर के सांथ अपने देहदान की शपथ ले वसीयत नव दृष्टि फाउंडेशन के कुलवंत भाटिया,राज आढ़तिया,रितेश जैन,हरमन दुलाई,प्रभुदयाल उजाला को सौंपी। बबिता चंद्राकर के पति उमेश चंद्राकर ने अपनी पत्नी व् सास के देहदान हेतु सहमति दी पुत्र मोनीष व् अनीश उपस्थित रहे.
बबिता चंद्राकर ने कहा ईश्वर के प्रति उनकी आस्था है व् वे मानती हैं कि जो शरीर हमें ईश्वर ने दिया है इस दुनिया से जाने के बाद हम ईश्वर के बन्दों के लिए समर्पित कर दें यही सबसे बड़ा पुण्य है अतः लगातार चल रहे जागरूकता अभियान से प्रेरित हो उन्होंने अपनी मां के साथ अपने देहदान करने का निर्णय लिया ताकि उनके जाने के बाद उनका शरीर समाज के काम आ सके. रितेश जैन ने बबिता चंद्राकर शिक्षिका हैं अतः उनके देहदान की घोषणा से समाज में सकारात्मक सन्देश जाएगा व् लोग देहदान हेतु प्रेरित होंगे। प्रभुदयाल उजाला ने देहदान की प्रक्रीया की विस्तृत जानकारी देहदान करने वालों को दी व् उनकी शंकाओं को दूर किया।
सपन जैन ने कहा हमारी संस्था लगातार लोगों को नेत्रदान ,देहदान व रक्तदान हेतु जागरूक कर रही है जिसके सुखद परिणाम आ रहे हैं भविष्य में यदि कोई देहदान व नेत्रदान पर कोई जानकारी चाहता है तो हमारे सदस्यों से सम्पर्क करे या 9826156000/9301219898 नंबर पर फोन कर जानकारी ले सकता है.