रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को चार साल से गायब दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी को नियमित करने के मामले में आदिम जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने सहायक आयुक्त को निलंबित करने की घोषणा की. विधायक अमितेश शुक्ल ने यह मामला उठाया था.
प्रश्नकाल के दौरान अमितेश शुक्ल ने सवाल किया कि वर्ष 2021-22 से 2022-23 में 31 जनवरी की स्थिति में गरियाबंद जिले के आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालिक कार्यालय और छात्रावास आश्रम में कार्यरत कितने-कितने दैनिक वेतनभोगी कलेक्टर दर पर कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को नियमित किया गया है? मंत्री ने बताया कि जिस अवधि का प्रश्न किया गया है, उसमें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को नियमित नहीं किया गया है. उक्त अवधि में जिला अंतर्गत विभागीय छात्रावास-आश्रमों में कार्यरत 90 दैनिक वेतनभोगी कलेक्टर दर कर्मचारियों को आकस्मिकता निधि स्थापना में नियमित वेतनमान की स्वीकृति प्रदान की गई है.
शुक्ल ने पूछा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के नियमितीकरण के संबंध में शासन के क्या-क्या दिशा-निर्देश हैं. मंत्री ने बताया कि आकस्मिकता निधि नियमित वेतनमान के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया गया है. शुक्ल ने आरोप लगाया कि यह गंभीर मामला है. भयानक भ्रष्टाचार हुआ है. गलत जवाब दिया गया है. 90 लोगों का नियमितीकरण किया गया है. चार साल से गायब दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी को पैसा खाकर नियमित कर दिया गया. शुक्ल ने जांच की मांग की. मंत्री ने कहा कि वे मामले की जांच कराएंगे और सहायक आयुक्त को निलंबित करने का ऐलान कर रहे हैं.