रायपुर: सुकमा के दोरनापाल में नक्सलियों के कायराना करतूत की शिकार इस बार 9 साल की मासूम बन गई। IED की चपेट में आने से बेकसूर बच्ची का चेहरा बूरी तरह झुलस गया। हादसे के बाद जिंदगी और मौत से जूझ रही अपनी बेटी को गोद में लेकर एक बेबस पिता मदद की गुहार लगाता रहा।
असहाय पिता को देख CRPF और पुलिस ने भी मानवता दिखाई और तत्काल प्राथमिक इलाज के लिए कैंप ले गए। इधर मुख्यमंत्री को जानकारी मिलते ही उन्होंने तुरंत हरसंभव मदद पहुंचाया। सभी के प्रयास के बाद बच्ची अब पूरी तरह स्वस्थ्य है।
12 जनवरी को चिंतलनार थाना क्षेत्र के तिम्मापुरम गांव में बच्ची जिस जगह में खेल रही थी वहां नक्सलियों ने आईईडी लगा रखा था, खेलते खेलते बच्ची प्रेशर आईईडी के ट्रिगर को टच कर गई जिससे आईईडी ब्लास्ट हो गया और बच्ची झुलस गई। धमाके की आवाज से परिजन भी वहां पहुंचे। जहां उन्होंने अपने जिगर के टुकड़े को खून से लतपथ देखा।
इस गांव में लंबे समय से नक्सल दहशत की वजह से पहुंच विहीन इलाका बना हुआ है। यहां तक कोई टैक्सी या बस सुविधा उपलब्ध नहीं है। एक असहाय पिता खून से लथपथ अपने कलेजे के टुकड़े को गोद में लेकर इलाज के लिए मदद की गुहार लगाते रहे।
CRPF और पुलिस ने दिखाई मानवता
जैसे तैसे सोढ़ी मल्ले को पुलनपाड़ कैंप तक पहुंचाया जा सका। जहां CRPF और पुलिस ने मानवता की मिशाल पेश की और तत्काल प्राथमिक इलाज दिया गया। मामले की जानकारी मिलते ही सुकमा SP किरण चव्हाण और सीआरपीएफफ DIG आनंद सिंह राजपुरोहित भी बच्ची के बेहतर इलाज मिल सके इस काम में में जुट गए।
घटना के दूसरे दिन मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एक कार्यक्रम में शामिल होने सुकमा पहुंचे, इस दौरान सीएम को घायल बच्ची की हालत की जानकारी मिली। उन्होंने तत्काल बच्ची का बेहतर से बेहतर इलाज करने और पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर घायल बच्ची को रायपुर के निजी अस्पताल में बेहतर इलाज मिला। राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर पूरी तरह स्वस्थ हो चुकी सोड़ी मल्ले ने शुक्रवार को अपने पिता सोड़ी केशा के साथ मुख्यमंत्री साय से मुलाकात कर आभार प्रकट किया।
डॉक्टरों के मुताबिक, दो सप्ताह के इलाज से बच्ची की जान बचाई जा सकी। इलाज के दौरान मुख्यमंत्री स्वयं रोज बच्ची के इलाज और उसके स्वास्थ्य में सुधार की जानकारी लेते रहे। रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह ने बच्ची के इलाज में लगातार निगरानी रखी।
बच्ची अब पूरी तरह स्वस्थ और हंस -बोल रही है। चल फिर रही है, अपने हाथ से खान - पान कर रही है। बच्ची के स्वास्थ होने पर उनके परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं है। परिजनों ने सरकार का बहुत बहुत धन्यवाद किया है।