लापता लड़की के पिता ने पुलिस पर लगाया गंभीर आरोप, अब हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
छग
बिलासपुर। नाबालिग बेटी को बहला-फुसलाकर एक युवक अपने साथ ले गया और लापता है। कमजोर आर्थिक स्थिति वाले पिता ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई है। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए बेमेतरा पुलिस अधीक्षक को शपथ पत्र के साथ जवाब दाखिल करने कहा है।
बेमेतरा के ताला गांव निवासी रामानंद घृतलहरे जब 30 मार्च 2022 की शाम घर लौटे तो पत्नी ने बताया कि उसकी बेटी दिशा मैदान के नाम पर निकली थी लेकिन वह वापस नहीं लौटी है। पिता ने तलाश शुरू की तो पता चला कि कुछ लोग चार पहिया वाहन में तालाब के पास आए थे और अपने साथ उसकी बेटी को ले गए। इन लोगों में एक युवक दीपक देवांगन भी था। पीड़ित पिता ने रात में ही पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई लेकिन पुलिस ने काफी दिनों तक खोजबीन नहीं की। इस पर उन्होंने डीजीपी, आईजी और बेमेतरा एसपी से भी लड़की की खोजबीन करने की गुहार लगाई। कुछ दिन बाद याचिकाकर्ता ने गांव वालों के साथ दीपक के पिता के घर जाकर मुलाकात की और उसके बेटे के बारे में पूछा। पिता ने कहा कि एफआईआर वापस ले लो तो मैं बेटे को बुला लूंगा। याचिकाकर्ता पिता इस सौदेबाजी पर तैयार नहीं हुए। पुलिस ने जब जांच शुरू की तो आरोपी युवक और लापता बेटी के मोबाइल फोन उसके मामा के घर मिले।
एफआईआर वापस नहीं लेने पर उसके पिता ने याचिकाकर्ता को जान से मारने की धमकी भी दी। इसकी भी शिकायत उन्होंने पुलिस में दर्ज कराई। याचिकाकर्ता का कहना है कि भगाने वाले युवक के पिता और उसके अन्य रिश्तेदारों को अपने बेटे और लापता बेटी के बारे में पता है। इसके बावजूद उसे ढूंढा नहीं जा रहा है।
पिता ने राज्य विधिक सहायता प्राधिकरण के माध्यम से बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है। याचिका पर अगली सुनवाई 3 सप्ताह बाद होगी। प्राधिकरण की ओर से नियुक्त अधिवक्ता पलाश तिवारी ने बताया एक साल में बेमेतरा से 56 लड़कियां लापता हुई हैं। इनकी उम्र 14 से 19 वर्ष के बीच है।