रायपुर चिकित्सा महाविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग एवं वायरोलॉजी लैब के डॉक्टर, साइंटिस्ट सहित अन्य स्टाफ का हुआ सम्मान
रायपुर चिकित्सा महाविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग एवं वायरोलॉजी लैब के डॉक्टर, साइंटिस्ट एवं अन्य स्टाफ का हुआ सम्मान
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रायपुर. 03 सितंबर 2021. कोरोना काल में निरंतर अपने परिश्रम एवं सेवा की बदौलत सवा चार लाख आरटीपीसीआर टेस्ट करने वाले माइक्रोबायोलॉजी विभाग एवं वायरोलॉजी लैब की टीम को उत्कृष्ट सेवाओं के लिये प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। शुक्रवार को चिकित्सा महाविद्यालय के लेक्चरर हॉल में आयोजित सम्मान समारोह में डॉक्टर, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, सीनियर एवं जूनियर साइंटिस्ट, लैब टेक्नीशियन, डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं अन्य सभी सहायक स्टॉफ को मिलाकर कुल 130 कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डीएमई एवं डीन डॉ. विष्णु दत्त मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. अरविंद नेरल एवं कम्युनिटी मेडिसिन से प्रो. डॉ. कमलेश जैन रहे तथा कार्यक्रम की आयोजनकर्ता माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. निकिता शेरवानी रहीं।
डीएमई एवं डीन डॉ. विष्णु दत्त ने अपने उद्बोधन में कहा कि वायरोलाजी लैब में काम करने की पहली चुनौती स्वयं को संक्रमण से बचाना है। कोरोना की पहली एवं दूसरी लहर के दौरान वायरोलॉजी लैब में कार्यरत सभी कर्मचारियों ने सतत रूप से कोरोना के आरटीपीसीआर सैम्पलों के जांच में जो भूमिका निभाई वह निश्चित रूप से सराहनीय है। स्वयं को संक्रमण से बचाते हुए लैब के अंदर लगातार तीन शिफ्टों में काम किया। उसी का नतीजा है कि आज सवा चार लाख आरटीपीसीआर सैंपलों की जांच कर यह लैब अपनी विशिष्ट पहचान बनाने में कामयाब रहा। हालांकि इस दौरान कुछ लोग संक्रमित भी हुए लेकिन फिर भी लैब का काम कभी रुकने नहीं दिया। लैब के सभी स्टॉफ बधाई एवं सम्मान के पात्र हैं।
विशिष्ट अतिथि डॉ. अरविंद नेरल ने मंचासीन संचालक चिकित्सा शिक्षा एवं अधिष्ठाता महोदय से विभाग द्वारा जीनोम सिक्वेंसिंग एवं बीएसएल -3 लैब के लिए शासन के पास भेजे गये प्रस्ताव पर जल्द से जल्द कार्यवाही कर इसकी स्थापना प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए निवेदन किया जिससे भविष्य में वायरोलॉजी लैब में निदान एवं शोध कार्यों को और बढ़ावा मिल सके।